लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का सातवां और आखिरी चरण का मतदान आठ मार्च को संपन्न होने वाला है. सातवें चरण में कुल 535 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिसमें कुल 51 महिला उम्मीदवार हैं. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रदेश में आठ मार्च को होने वाले सातवें चरण के मतदान में कुल 1,41,88,233 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे, जिसमें 76,87,816 पुरुष मतदाता, 64,99,711 महिला मतदाता और 706 तृतीय लिंग है.
सातवें चरण में पूर्वाचल के सात जिलों जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, सोनभद्र और मिर्जापुर के 40 विधानसभा क्षेत्रों पर चुनाव होंगे. इसमें सबसे अधिक 24 उम्मीदवार वाराणसी कैंट और सबसे कम छह उम्मीदवार जौनपुर की कराकत सीट पर हैं. इनमे भदोही जिले की तीन, चंदौली ज़िले की चार, गाजीपुर जिले की सात सीट, जौनपुर जिले की नौ, मिर्ज़ापुर जिले की पांच सीट, सोनभद्र जिले की चार और वाराणसी जिले की आठ सीटें शामिल हैं.
इसी प्रकार भदोही सीट पर 23, जौनपुर की मीडियाहूं सीट पर 22, मीरजापुर व राबर्ट्सगंज में 19, वाराणसी की शिवपुर व मीरजापुर की मझवां सीट पर 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. भदोही विधानसभा क्षेत्र पर सबसे अधिक 4,15,458 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे, वहीं सबसे कम मतदाता वाराणसी कैंट में हैं.
गाजीपुर- जखनियां, सैदपुर, गाजीपुर, जंगीपुर, जहूराबाद, मोहम्मोदाबाद, जमानिया
वाराणसी- पिंडरा, अजगरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर, वाराणसी कैंट, शिवपुरी
चंदौली- मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराज, चकिया
मिर्जापुर- छानबे, मिर्जापुर, मजहावां, चुनार, मरिहां
भदोही- भदोही, ग्यामनपुर, औराई
सोनभद्र- घोरावल, राबर्ट्सगंज, ओबरा, दुद्धी
जौनपुर- बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मलहानी, मुंगरा बादशाहपुर, मछलीशहर, मरियाहू, जाफराबाद, केराकट
सातवें चरण में जहां 115 यानी 22 प्रतिशत प्रत्याशी दागी और आपराधिक छवि वाले हैं. वहीं 535 में से 132 यानी 25 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.
अंतिम चरण में कुल 535 उम्मीदवार
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार आठ मार्च को होने वाले सातवें चरण में सात जिलों की 40 सीटों पर चुनाव होना है. इस सीटों पर कुल 535 उम्मीदवार खड़े हैं. ये उम्मीदवार 87 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिनमें 6 राष्ट्रीय दल, 4 क्षेत्रीय दल, 77 गैर मान्यता प्राप्त दल और 136 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं.
95 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले
इन प्रत्याशियों में से 115 यानी 22 प्रतिशत प्रत्याशी दागी और आपराधिक छवि वाले हैं. जिसमें से 95 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित अपराध शामिल हैं. 9 उम्मीदवारों पर हत्या (आईपीसी-302) से संबंधित मामले दर्ज हैं. 15 उम्मीदवारों पर हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से संबंधित मामले और 6 उम्मीदवारों पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार करने के मामले दर्ज हैं. इसके अलावा पांच उम्मीदवारों पर अपहरण से संबंधित मामले दर्ज हैं.
BJP के 13 उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले
रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 31 में से 13 (42 प्रतिशत) उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले है. बीएसपी के 40 में से 17 (43 प्रतिशत), रालोद 21 में से 4 (19 प्रतिशत), सपा के 31 में से 19 (61 प्रतिशत), सीपीआई के 14 में से 1 (7 प्रतिशत), कांग्रेस के 9 में से 5 (56 प्रतिशत) और 136 में से 22 (16 प्रतिशत) निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलें घोषित किए हैं.
करोड़पति उम्मीदवारों को लेकर BSP टॉप पर
करोड़पति उम्मीदवारों को लेकर बसपा टॉप पर है. बसपा के 80 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं. यानी 40 में से 32 प्रत्याशी करोड़पति हैं. वहीं भाजपा के 31 में से 21 यानी 74 फीसदी प्रत्याशियों के पास करोड़ों की संपत्ति है. सपा से 31 में से 21 (68) प्रत्याशी तो कांग्रेस के 09 में 07 यानी 78 फीसदी प्रत्याशियों के पास करोड़ों की सम्पत्ति है.
BSP प्रत्याशियों के पास औसत सम्पत्ति 7.20 करोड़
संजय सिंह ने बताया कि बसपा के प्रत्याशियों के पास औसत सम्पत्ति 7.20 करोड़ है. वहीं भाजपा के प्रत्याशियों की औसत सम्पत्ति 5.63 करोड़, सपा के प्रत्याशियों की 3.74 करोड़ रुपये है. तीन अन्य दलों व निर्दल प्रत्याशियों ने अपनी सम्पत्ति शून्य घोषित की है. वहीं 28 फीसदी उम्मीदवारों ने पैन विवरण घोषित नहीं किया है.
वहीं 22 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी सम्पत्ति तो 1 करोड़ से ऊपर हैं लेकिन वे आयकर रिटर्न नहीं भरते. सातवें चरण में जौनपुर की मड़ियाहूं सीट के बसपा प्रत्याशी भोलेनाथ 51 करोड़ की सम्पत्ति के साथ टॉप पर हैं. लेकिन उन पर 15 करोड़ का कर्जा भी है.
इस चरण में 45 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी सम्पत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है. वहीं 38 ऐसे हैं जिनकी सम्पत्ति 2 से 5 करोड़ के बीच है. 83 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी सम्पत्ति 50 लाख से 2 करोड़ के बीच है. 152 प्रत्याशियों की सम्पत्ति 10 से 50 लाख के बीच है. वहीं सबसे ज्यादा 209 प्रत्याशियों की सम्पत्ति 10 लाख से कम है.
2012 चुनाव :
समाजवादी पार्टी 23
भारतीय जानता पार्टी 4
बहुजन समाजवादी पार्टी 5
कांग्रेस 3
अन्य 5
वाराणसी पर नजर
वाराणसी संसदीय क्षेत्र पर अगर नजर डालें तो यहां की आठ विधानसभा सीटों में से तीन सीटों शहर उत्तरी, शहर दक्षिणी और कैंट सीट पर भाजपा का कब्जा है. रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा सीट पर समाजवादी का कब्जा है. पिंडरा सीट पर कांग्रेस विजयी हुई थी तो अजगरा और शिवपुर सीट बसपा के पास है.
इसमें शिवपुर से बीएसपी के विधायक उदयलाल मोर्या हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए लिहाजा अब बीजेपी के पास चार सीटें मानी जा सकती हैं. बीजेपी इन चारों सीटों पर तो अपना कब्जा चाहती ही है साथ ही वह बाकी बची चार सीटों पर भी अपना परचम लहराना चाहती है. हालांकि कई चुनावों से बीजेपी शहर की तीन सीटों के अलावा कभी भी अपना पांव नहीं फैला पाई है.
इसके बावजूद वह इस चुनाव पर सभी सीटों को जीतना चाहती है. बीजेपी की उम्मीदें इसलिए भी हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने सभी विधानसभा सीटों पर अच्छी बढ़त ली थी. बीजेपी उन्हीं वोटों को सहेजकर रखने की फिराक में है. इस कारण प्रत्याशियों के चयन में गंभीर मंथन हो रहा है.