नई दिल्ली: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता का ईलाज करने वाले एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता का मौत दिल का दौरा पड़ने से पांच दिसंबर, 2016 को हुई थी. मौत से एक दिन पहले जयललिता पूरी तरह होश में थी. वह कुर्सी पर करीब 20 मिनट तक बैठ सकती थीं लेकिन खड़ी नहीं खड़ी नहीं हो पा रही थीं क्योंकि मांसपेशियों में कमजोरी थी.
रिपोर्ट में कहा गया कि 4 दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे जयललिता को दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें 45 मिनट तक होश में लाने का प्रयास किया गया. फिर उन्हें ECMO तथा बाहर से लगने वाले पेसमेकर पर रखा गया. 4 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद रात करीब 10 बजे जयललिता का ब्लड प्रेशर तेजी से गिरा. जब उन्हें ECMO लगाया गया तो पता चला कि ह्रदय ने काम करना बंद कर दिया है.
एम्स प्रशासन के मुताबिक पांच मार्च को तमिलनाडु सरकार से निर्देश आया था कि एम्स के डॉक्टर जयललिता की जांच करने चेन्नई गए थे. उसके डॉक्टर मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक करें. वहां की सरकार के आग्रह पर ही हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर पांच अक्टूबर, 2016 से 6 दिसंबर 2016 के बीच 5 बार चेन्नई के अपोलो अस्पताल गए थे और जयललिता के स्वास्थ्य की जांच की थी.
बता दें कि जयललिता की मौत के बाद कई तरह सवाल उठाए गए थे और इलाज पर भी संदेह किया गया. तमिलनाडु सरकार ने इसके मद्देनजर ही एम्स से मेडिकल रिपोर्ट सौंपने को कहा था.