नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार से सील बंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल करने को कहा है. इसके लिए कोर्ट ने सरकार को 4 हफ्तों का समय भी दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट देखने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस मामले में कोई एसआईटी का गठन किया जाना है या नहीं. कोर्ट में केंद्र सरकार ने आज इस मामले में नई SIT बनाने का विरोध किया था.
केंद्र ने कहा है कि इस मामले की जांच मल्टी एजेंसी कर रही है, इन एजेंसियों में सीबीडीटी, आरबीआई, ईडी और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस टीम शामिल है, ऐसे में कोर्ट पहले ये देखे कि एजेंसियों ने क्या रिपोर्ट तैयार की है, उसके बाद ही एसआईटी गठित करने पर फैसला लिया जाए.
केंद्र सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया है कि इस मामले में 424 लोगों को नोटिस जारी कर दिया गया है और उनके जवाब आ रहे हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है.
आज पनामा पेपर्स लीक मामले मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले के लिए एक अलग एसआईटी बनाने का इशारा किया था. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की जांच के लिए एक अलग एसआईटी बना सकते हैं, हालांकि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें पनामा पेपर्स में सामने आए विदेशों में खाता रखने वाले भारतीयों के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है.
वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है. याचिका में शर्मा ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में पिछले साल 10 नवंबर और 9 अप्रैल को भारत सरकार व राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था लेकिन उन्हें आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला.
इस याचिका को दाखिल करने का नया आधार पिछले साल 3 अप्रैल को पैदा हुआ जब पनामा पेपर्स लीक प्रकरण में 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशों में खाते होने का मामला सामने आया.