March 6, 2017 8:46 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. अक्सर कहा जाता है कि “प्रभु की माया प्रभु ही जाने” लेकिन रेल की माया रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज तक नही जान पाए. रेल सुधार के लिये सुरेश प्रभु ने संसद में और संसद के बाहर ना जाने कितनी बार बड़े-बड़े बयान दिये हैं लेकिन नतीजा आज भी ढाक के तीन पात वाला ही रहा है.
दरअसल इसके अधिकारी और कर्मचारी ही रेलवे की योजनाओं और घोषणाओं पर पलीता लगा रहे हैं. ट्रेनों की लेट-लतीफी को छोड़िए स्टाफ की मिली भगत से खाने-पीने की गुणवत्ता के साथ भी खुले आम खिलवाड़ हो रहा है. ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला है विक्रमशिला एक्सप्रेस में जहां पर एक यात्रियों को लोकल ब्रांड का पानी पिलाया जा रहा है. जबकि रेल मंत्रालय ने साफ आदेश जारी किया है कि लोकल ब्रांड के पानी की बिक्री रेल के अंदर नही की जा सकती है. लेकिन इसके बावजूद भी पेंट्री स्टाफ की मिलीभगत से यह गोरखधंधा जारी है. इन तस्वीरों से ये साफ पता चलता है कि रेलवे के अंदर किस तरह से भ्रष्टाचार जारी है. जब इस मामले में हमारे संवाददाता विक्रमशिला एक्सप्रेस के पैंट्री मैनेजर से बात की तो उसने सफाई दी कि रेल नीर पानी की सप्लाई कम होने के कारण लोकल ब्रांड पानी की सप्लाई की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ दूसरे यात्रियों का कहना है कि पानी की कमी नहीं है बल्कि जानबूझकर शुरू से ही ये लोकल पानी बेचा जा रहा है. आपको बता दें कि हमारे सहयोगी चैनल इंडिया न्यूज़ ने अभी कुछ दिन पहले भी एक स्टिंग आॅपरेशन में दिखाया था कि किस तरह बाहर के लोगों के साथ गठजोड़ करके यात्रियों की जान खतरे में डाली जा रही है. लेकिन इसके बाबजूद भी रेलवे के अधिकारी चैन की बंशी बजा रहे हैं.