नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद पुराने नोट बदलने की समय सीमा पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल कर पूछा है कि क्यों न सभी के लिए पुराने नोट बदलने की समय सीमा 31 मार्च कर दी जाए. कोर्ट ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई को 10 मार्च तक का समय दिया है.
कोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि जब 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी तब कहा गया था कि जो लोग किसी वजह से पुराने नोट 50 दिनों के अंदर जमा नहीं करा पाएंगे वो 31 मार्च तक आरबीआई में पुराने नोट बदलवा सकते हैं, लेकिन बाद में यह सुविधा केवल एनआरआई को ही दी गई, इसलिए याचिका में यह मांग की गई है कि कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वो सभी के लिए पुराने नोट जमा करने की सीमा 31 मार्च तक करे.
बता दें कि 8 नवंबर को कालेधन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का फैसला किया था, जिसके बाद से 30 दिसंबर तक 500 और 1000 के पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने का समय दिया गया था.
आरबीआई ने 31 मार्च 2017 तक पुराने नोट बदलवाने की छूट केवल उन लोगों को ही दी है जो 9 नवबंर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच भारत में नहीं थे. ऐसे में अब वे लोग जो इन 50 दिनों में भारत में थे और आज भी उनके पास पुराने नोट हैं तो अब वह नोट बर्बाद हो चुके हैं, क्योंकि 31 मार्च तक पुराने नोट बदलवाने की सुविधा उन्हें नहीं मिली है.