हॉलैंड के विकास संगठन की भारत के NGO को सीख: आत्मनिर्भर बनें, आर्थिक मदद के भरोसे ना रहें

विकसित देशों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं, जो अब तक विकासशील देशों में विभिन्न योजनाओं को आर्थिक मदद देते आए हैं. इस कारण हजारों समुदाय-केंद्रित जमीनी संगठनों (सीबीओ) के लिए अपनी गतिविधियां जारी रख पाना एक बड़ी चुनौती बन गई है.

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हॉलैंड के विकास संगठन की भारत के NGO को सीख: आत्मनिर्भर बनें, आर्थिक मदद के भरोसे ना रहें

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  • March 3, 2017 6:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: विकसित देशों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं, जो अब तक विकासशील देशों में विभिन्न योजनाओं को आर्थिक मदद देते आए हैं. इस कारण हजारों समुदाय-केंद्रित जमीनी संगठनों (सीबीओ) के लिए अपनी गतिविधियां जारी रख पाना एक बड़ी चुनौती बन गई है.
 
भारत के प्रमुख विकास संगठनों में से एक स्माईल फाउंडेशन ने नीदरलैंड्स के द वाइल्ड गैंजेन फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है, जिसका लक्ष्य छोटे सीबीओ व एनजीओ को विदेशी आर्थिक मदद कम होने की इस चुनौती से निपटने में सक्षम बनाना है.
 
द वाइल्ड गैंजेन फाउंडेशन द्वारा स्थापित चेंज द गेम एकेडमी (सीटीजी एकेडमी) की शुरुआत भारत में की गई है और स्माईल फाउंडेशन इस एकेडमी के उद्देश्यों को क्रियान्वित करने के लिए नोडल एजेंसी बनाई गई है. इन उद्देश्यों में जमीनी सीबीओ एवं एनजीओ के लिए नए आविष्कारी स्थानीय समाधान तलाश करना शामिल है. साथ ही सीटीजी एकेडमी उन्हें अपने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों द्वारा कौशल, ज्ञान और टूलकिट्स प्रदान करेगी.
 
श्री शांतनु मिश्रा, सह-संस्थापक एवं कार्यकारी ट्रस्टी, स्माईल फाउंडेशन, के अनुसार, “सीबीओ एवं एनजीओ को दूसरे देशों के सहारे रहने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि वो अपने देश में ही आर्थिक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं और आत्म-निर्भर बन सकते हैं. उनके लिए नई संभावनाएं तैयार हो रही हैं ताकि वो अन्य स्रोतों से अनुदान प्राप्त कर सकें.
 
चेंज द गेम एकेडमी उन्हें यह सिखाती है कि स्थानीय स्तर पर सीएसआर फंडिंग सहित भिन्न गैर-पारंपरिक स्रोतों से धन कैसे जुटाएं, ताकि उन्हें पैसों की कमी से जूझना ना पड़े. एकेडमी उन्हें यह बताती है कि विभिन्न क्षेत्रों जैसे कॉर्पोरेट, राज्य सरकार और केंद्र सरकार की एजेंसियों आदि से प्रभावी साझेदारी कैसे बनाई जाए.
 
उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि अपने लिये समर्थन कैसे हासिल करें और फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम, एचआर मैनुअल, बोर्ड पॉलिसी आदि प्रणालियों का निर्माण कैसे करें. एकेडमी की ट्रेनिंग में उन्हें ऑनलाइन तथा ऑफलाइन रूप में एक प्रभावशाली संपर्क रणनीति, ब्रांड प्रचार आदि योजनाएं विकसित कर लागू करने में सक्षम बनाया जाता है.”
 
इतना ही नहीं, सीबीओ एवं एनजीओ के पास सीधे विशेषज्ञों से सीखने या अपनी सुविधा अनुसार इंटरनेट के जरिये सीखने का विकल्प भी रहेगा. इससे जुड़े ऑनलाइन कोर्स मॉड्यूल्स अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों द्वारा तैयार किये गये हैं, जिन्हें स्माईल फाउंडेशन द्वारा भारतीय परिप्रेक्ष्य से मेल खाने के लिए अनुकूल बनाया गया है. मॉड्यूल्स के साथ ही इनकी वेबसाइट पर पूरे विश्व से प्रेरक केस स्टडी और उन्हें भारतीय गतिविधियों में लागू करने के सुझाव भी दिये गये हैं. साथ ही, यहां एक व्यापक लाइब्रेरी भी मौजूद है. 
 
श्री मिश्रा ने बताया कि, “हम चेंज द गेम एकेडमी के फायदों को पूरे भारत में 30 अलग-अलग शहरों में पहुंचाएंगे.” भारत के अलावा, द वाइल्ड गैंजेन फाउंडेशन ने सीटीजी एकेडमी की शुरुआत ब्राज़ील, इथियोपिया, केन्या, यूगांडा और दक्षिण अफ्रीका में भी की है.

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