लखनऊ: यूपी सरकार के मंत्री और रेप के आरोपी गायत्री प्रजापति अंडरग्राउंड हो गए हैं. यूपी पुलिस ने उनसे वाई कैटेगरी की सुरक्षा वापस ले ली है. इस बीच बीजेपी ने अखिलेश यादव पर उन्हें बचाने का आरोप लगाया है. फिलहाल उनकी सुरक्षा में लगी अमेठी पुलिस को भी हटा लिया गया है और पासपोर्ट भी कैंसिल हो सकता है.
कब होगी गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी ?
पुलिस ने गायत्री प्रजापति की सुरक्षा में तैनात जवानों को अमेठी पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने का आदेश दे दिया है. वहीं, मामले की जांच कर रही आलमबाग थाने की सीओ अमिता सिंह पीड़िता की बेटी का बयान दर्ज करने दिल्ली पहुंचीं. लेकिन बड़ा सवाल ये कि गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी कब होगी.
फोन आ रहा है स्विच ऑफ
लखनऊ एडीजीपी दलजीत चौधरी ने कहा कि वह फरार चल रहे हैं. उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ है और वह मिल नहीं रहे हैं. उनके साथ लगे सुरक्षाकर्मी भी मोबाइल बंद किए हैं. अगर जल्द ही गिरफ्तारी नहीं हुई तो गायत्री समेत 6 आरोपियों के पासपोर्ट कैंसिल किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.
गायत्री पर बेहद गंभीर आरोप
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति के खिलाफ गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि केस दर्ज होने के बाद से ही वो फरार हैं. एक महिला ने प्रजापति और उनके कुछ साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. महिला के मुताबिक, उसे पार्टी में ऊंची पोस्ट दिलाने का झांसा दिया गया. पीड़िता ने ये भी कहा कि वो पहले चुप थी लेकिन जब उसकी नाबालिग बेटी से बदसलूकी की कोशिश की गई तो उससे रहा नहीं गया.
SC ने दर्ज कराई थी FIR
पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. कई बार डीजीपी के यहां चक्कर काटने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. आखिरकार उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. जहां तक पीड़िता की बेटी की बात है तो पिछले आठ महीने से उसका इलाज एम्स में चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक वो अब तक सदमे से उबर नहीं सकी है.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि गायत्री प्रजापति की अपनी सीट पर वोटिंग तो खत्म हो गई है, लेकिन यूपी में आखिरी के दो दौर में वो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. गायत्री प्रजापति गायब हैं और पीड़िता आरोप लगा रही है कि यूपी पुलिस उसे धमका रही है. यूपी पुलिस कठघरे में इसलिए भी है, एफआईआर दर्ज करने के बाद उसने गायत्री प्रजापति को अमेठी का चुनाव खत्म होते तक खुली छूट क्यों दी ? गायत्री प्रजापति को तभी क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया, जब वो अमेठी में घूम-घूम कर वोट मांग रहे थे.