2018 में इसरो रचेगा एक और इतिहास, जारी हैं मिशन चंद्रयान-2 की तैयारियां
2018 में इसरो रचेगा एक और इतिहास, जारी हैं मिशन चंद्रयान-2 की तैयारियां
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो लगातार नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इसरो के चेयरमैन एस किरण कुमार ने जानकारी दी है कि साल 2018 की पहली तिमाही तक भारत का चंद्रयान-2 अभियान लॉन्च हो जाने की उम्मीद है. एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाषण देते हुए किरण कुमार ने कहा […]
March 2, 2017 6:20 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो लगातार नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. इसरो के चेयरमैन एस किरण कुमार ने जानकारी दी है कि साल 2018 की पहली तिमाही तक भारत का चंद्रयान-2 अभियान लॉन्च हो जाने की उम्मीद है.
एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाषण देते हुए किरण कुमार ने कहा कि चंद्रमा की धरती पर स्पेसक्रॉफ्ट की लैंडिंग को लेकर परीक्षण चल रहा है.
इसरो एक चरण को लेकर एक विशेष इंजन विकसित करेगा जो लैंडिंग को कंट्रोल कर सके.
उन्होंने कहा कि इस अभियान को लेकर कई तरह के परीक्षण इसरो कर रहा है और चंद्रमा के लिए जाने वाला सैटेलाइट भी तैयार है.
वहीं जब उनसे वीनस के मिशन के बारे में पूछा गया तो किरण कुमार ने कहा इस अभियान को लेकर अभी तक कुछ फाइनल नहीं किया जा सका है लेकिन बातचीत जारी है.
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 नई तकनीकी से तैयार किया गया है जो चंद्रयान-1 से काफी एंडवांस है और इसको जीएसएलवी-एमके-2 के जरिए लॉन्च किया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में इसरो ने एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर रूस का रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
इसरो की इस सफलता पर पूरी दुनिया ने बधाई दी थी. इस मिशन में अमेरिका के भी कई उपग्रह शामिल थे.
भारतीय वैज्ञानिकों की इस सफलता पर चीन ने कहा था कि यह अभियान चीन के व्यापारिक हितों को भी प्रभावित कर सकता है.
आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में भारत की ओर से चंद्रयान-1 अभियान की घोषणा की थी और इसे 2008 में भेजा गया था. भारत की ओर से चंद्रमा के लिए यह पहला सफल अभियान था.
चंद्रयान-1 अपने मिशन को पूरा कर एक साल बाद 2009 में वापस लौट आया था. हालांकि इसमें कुछ तकनीकी खामियां आई थीं और इसे जल्दी वापस उतार लिया गया था.