कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में राजनीति तेज हो गई है. इस मामले में कैलाश विजयर्गीय और बीजेपी सांसद रूपा गांगुली का नाम भी आ रहा है. हालांकि, कैलाश विजयर्गीय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक साज़िश करार दिया है.
BJP के बड़े नेताओं पर लगे हैं गंभीर आरोप
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपनी महिला विंग की नेता जूही चौधरी को पार्टी से निकाल दिया है. जूही चौधरी को बच्चों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, इस मामले की मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती के हवाले से बीजेपी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे हैं.
जूही चौधरी के साथ मिलकर की थी लॉबिंग
सूत्रों की मानें तो CID के सामने चंदना चक्रवर्ती ने दावा किया है कि उसने जूही चौधरी के साथ मिलकर लॉबिंग की थी. उसने अपने शेल्टर होम के लिए केन्द्रीय मदद लेने और लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए लॉबिंग की थी. उसने बताया कि लॉबिंग के दौरान जूही चौधरी ने बीजेपी की राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली और बीजेपी के महासचिव कैलाश वर्गीय के साथ मीटिंग भी की थी. हालांकि कैलाश विजयर्गीय इन सारी बातों को ममता बनर्जी के इशारे पर रची गई साजिश बता रहे हैं.
क्या है पूरा मामला ?
‘चाइल्ड ट्रैफिकिंग के इस मामले का खुलासा पिछले साल नवंबर में हुआ था. उस दौरान पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में छापा मारा था. इस छापेमारी में कुछ मकानों से बच्चों की बरामदगी हुई थी. जांच के दौरान पुलिस को कुछ लोगों के नाम पता चले थे. इसमें से एक नाम जूही चौधरी का भी था. इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती ने भी जूही चौधरी का नाम लिया था. जिसके बाद जूही चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि पश्चिम बंगाल में पहले जो लड़ाई टीएमसी और लेफ्ट फ्रंट के बीच हुआ करती थी, वो अब टीएमसी और बीजेपी के बीच सिमट चुकी है. इसलिए बीजेपी को लग रहा है कि टीएमसी के इशारे पर ही बच्चों की तस्करी के रैकेट में बीजेपी के बड़े नेताओं का नाम ज़बरन घसीटा जा रहा है. वैसे पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी के पास बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष रूपा गांगुली और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. सिर्फ एक आरोपी ने इन दोनों का नाम लिया है और वो भी ये कहते हुए कि उसने सुना था कि मामले की दूसरी आरोपी जूही चौधरी ने रूपा गांगुली और विजयवर्गीय से मदद मांगी थी.