नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के एक किराएदार पर कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए और अलग अलग फोरम में हार के बावजूद मकान मालिक के खिलाफ कई दशकों से केस चलाने को लेकर कोर्ट ने 5 लाख का जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने किराएदार को एक हफ्ते के अंदर जगह खाली करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने किराएदार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने खाली करने के लिए और समय मांगा तो उनपर और जुर्माना लगाया जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने किराएदार को जगह खाली करने के लिए 8 मार्च तक का समय दिया है. दन्यांदेओ नाइक बतौर किराएदार मुंबई के दादर इलाके के भाटिया भवन के ग्राउंड फ्लोर पर 1968 से रह रहे है.
सुप्रीम कोर्ट ने नाइक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनोती दी थी जिसमें कोर्ट ने नाइक को घर खाली करने के आदेश दिए थे.
मकान मालिक ने पिता प्रदन्या प्रकाश ने नाइक को 1 अगस्त 1968 में 250 प्रतिमाह के हिसाब से अपनी लॉन्ड्री चलाने को दी थी क्योंकि स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वो अपनी लॉन्ड्री चलाने में असमर्थ थे. जब माकन मालिक ने नाइक को दुकान खाली करने को कहा तो उसने लॉन्ड्री खाली करने से मना कर दिया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद अलग-अलग कोर्ट से मामला होते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुँचा.