नई दिल्ली. 1999 में करगिल की जंग के 6 महीने बाद एनडीए सरकार को सबसे मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा था. 24 दिसंबर 1999 को पांच आतंकवादियों ने काठमांडू से दिल्ली आ रही फ्लाइट को हाइजैक कर लिया था. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर आईसी 814 में मौजूद 191 जिंदगियों की एवज़ में वाजपेयी सरकार […]
नई दिल्ली. 1999 में करगिल की जंग के 6 महीने बाद एनडीए सरकार को सबसे मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा था. 24 दिसंबर 1999 को पांच आतंकवादियों ने काठमांडू से दिल्ली आ रही फ्लाइट को हाइजैक कर लिया था. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर आईसी 814 में मौजूद 191 जिंदगियों की एवज़ में वाजपेयी सरकार को तीन खूंखार आतंकवादियों को कंधार ले जाकर छोड़ना पड़ा.
आतंकवादियों ने जिस विमान को हाइजैक किया, वो ईंधन भरने के लिए 48 मिनट तक अमृतसर में था. उस वक्त रॉ के चीफ रहे एएस दौलत ने अपनी किताब में दावा किया है कि अमृतसर में विमान को छुड़ाने को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप गफलत में था. आज टुनाइट विद दीपक चौरसिया में दौलत के इस दावे पर बहस की गई कि क्या कंधार कांड में एनडीए सरकार से गलती हुई.? क्या अमृतसर में यात्री छुड़ाए जा सकते थे?