रामजस कॉलेज और गुरमेहर कौर विवाद को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष में लगातार टकराव बढ़ता जा रहा है. जहां कांग्रेस ने इस हिंसा के पीछे सरकार और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं सरकार ने साफ कह दिया है कि इस तरह आजादी के नाम पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी नहीं की जा सकती.
नई दिल्ली: रामजस कॉलेज और गुकमेहर कौर विवाद को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष में लगातार टकराव बढ़ता जा रहा है. जहां कांग्रेस ने इस हिंसा के पीछे सरकार और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं सरकार ने साफ कह दिया है कि इस तरह आजादी के नाम पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी नहीं की जा सकती.
इस पूरे मामले पर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि इसमें हमारे लिए कोई विवाद का मुद्दा तो है नहीं. इस देश में रह कर के इस देश को गाली देंगे तो किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा .इसमें विवाद होने का कोई मतलब ही नहीं है.
राष्ट्रवाद और गैर राष्ट्रवाद के मुद्दे पर किरण रिजिजू का कहना है कि उनको शायद इतना ज्ञान नहीं होगा जो वामपंथी वाले हैं . यह वही लोग हैं . जो 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था .वह चीन का साथ दे रहे थे. यह वही लोग हैं . जो हमारा जवान शहीद होता है.
यह वही लोग है जो राष्ट्रविरोधी विचारधारा रखने वाले हैं, लेकिन आजादी अभिव्यक्ति के नाम पर किसी को जो भी मन में आता है, बोल सकता है .लेकिन देश को गाली नहीं देना चाहिए. गुरु मेहर कोर के बारे में किरण रिजिजू का कहना है कि यह वामपंथी वाले हैं .यह बच्चों के दिमाग को घुमाते हैं .बच्चे के बारे मुझे क्या कहना है .
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कैंपस के बच्चे को लेकर राजनीति कर रहे हैं . जो देश के विरोधी लोग हैं . यह सब कॉलेज के बच्चे हैं. इसके बारे में आप लोग क्यों उल्टा सीधा बात करते हैं . राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की जो विचारधारा है इस पर मुझे क्या कहना है देश को मालूम है यह लोग कैसे लोग हैं ?
इसके बारे मुझे क्या कहना है . यह तो बड़े लोग हैं. केजरीवाल के बयान पर किरन रिजिजू का कहना है कि केजरीवाल तो अराजकता पैदा करने के लिए ही राजनीति में आए हैं . इसके अलावा मैं इनके बारे में क्या कहूं . गुरु मेहर कौर के पोस्ट के बारे किरण रिजिजू का कहना है कि उन्होंने क्या लिखा नहीं लिखा . उसके मुझ पर कोई टिप्पणी नहीं करना है.
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मुझे बस इतना कहना है कि जो कॉलेज के बच्चों के दिमाग को घुमाने का काम ना कर रहे हैं यह लोग वामपंथी है. यह लोग तो देश विरोधी विचारधारा को सालों से चलाते आए है . बच्चे को चुपचाप रहने दीजिए. हम जो विचारधारा को लेकर जो वामपंथी वाले हैं . उसके बारे में कह रहे हैं . बच्चों को पढ़ने दीजिए . उनको पढ़ने लिखने का वक्त है .देश के लिए कुछ करने दीजिए. उनको इन विवादों में मत फसाइए.