नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गर्भवती महिला के गर्भपात कराने की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके बच्चे के जिंदा रहने की संभावना नहीं है. लेकिन कोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर कहा कि महिला और उसके बच्चे को कोई खतरा नहीं है, इसलिए गर्भपात की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
बता दें कि एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि उसे गर्भपात कराने की इजाज़त दी जाए, क्योंकि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को डाउन्स सिड्रोम है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की बात को मानते हुए महिला की मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पैदा होने के बाद बच्चे के जीवित रहने की संभावना है और मां के जीवन को किसी तरह का खतरा नहीं है.
बता दें कि इससे पहले 3 फरवरी को एक इसी प्रकार के मामले में कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दी थी. महाराष्ट्र के मुंबई में रहने वाली एक और महिला गर्भपात की इजाजत लेने सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. कोर्ट में पहुंची 22 साल की ये महिला 23 हफ्ते की गर्भवती है लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे की दोनों किडनियां नहीं हैं. इसी को आधार बनाकर उसने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई.