रामजस विवाद को लेकर पूरा मामला अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच का अखाड़ा बन गया है. कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा देश में बोलने की आजादी को लेकर कहीं कोई समस्या नहीं है.
नई दिल्ली: रामजस विवाद को लेकर पूरा मामला अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच का अखाड़ा बन गया है. कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा देश में बोलने की आजादी को लेकर कहीं कोई समस्या नहीं है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नायडू ने कहा,’देश में बोलने की आजादी इतनी है कि आप प्रधानमंत्री को उनके नाम से बुला सकते हैं. आप उनकी तुलना गदहे से कर सकते हैं’ नायडू ने कहा, ‘एबीवीपी एक राष्ट्रवादी संगठन है. अन्य संगठनों का भी विचार हो सकता है और उन्हें इसे जाहिर करने की आजादी है.
ऐसे में किसी बाहरी को कैंपस में जाकर वहां की शांति क्यों भंग करने दी जाए.’ नायडू ने कहा, ‘कोई कैसे जम्मू-कश्मीर की आजादी की बात कर सकता है? क्या आप विश्विद्यालयों को अलगाववादियों की प्रयोगशाला बनाना चाहते हैं?’
नायडू ने रामजस मामले पर बोलते हुए कहा कि कैंपसों में जाकर राजनीति की जा रही है और छात्रों को भड़काया जा रहा है.जिन लोगों ने मीडिया पर सेंसर लगाया और जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की शक्ति घटाने की कोशिश की, वे हमें प्रवचन दे रहे हैं कि बोलने की आजादी समझा रहे हैं.
असहमति का स्वागत है लेकिन अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. दूसरों की भावनाओं को आहत करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में शामिल नहीं है. कोई भी देश के अलगाववाद का समर्थन कोई कैसे कर सकता है? जम्मू-कश्मीर की आजादी के नारे कैसे लगाने दिए जा सकते हैं.