नई दिल्ली : खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस की कैद से आजाद होकर 62 वर्षीय डॉक्टर राममूर्ति अपने वतन वापस लौट आए हैं. गौरतलब है की 17 महीने पहले आईएसआईएस आतंकियों ने घायल साथियों के इलाज के लिए 9 प्रोफेशनल डॉक्टर्स को अगवा कर लिया था.
विजयवाड़ा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद डॉक्टर राममूर्ति ने वतन वापस लौटकर भगवान का शुक्रिया कहते हुए कहा-‘मुझे यकीन नहीं हो रहा है की मैं आजाद हूं’. उन्होंने कहा की मुझे इस बात की उम्मीद ही नहीं थी की मैं कभी अपने परिवार से मिल पाउंगा.
राममूर्ति ने बताया की उन्हें खुद के इलाज के साथ-साथ आतंकियों का भी इलाज करना पड़ता था.
दोनों पैरों में आतंकियों द्वारा गोली मारे जाने के जख्मों के कारण वह मुश्किल से चल पा रहे थे. आंध्र अस्पताल में डॉक्टर राममूर्ति का चेकअप हुआ जहां डॉक्टर ने बताया की उन्हें स्वस्थ होने में कम से कम 4 महीने का समय लगेगा.
आईएसआईएस की कैद से आजाद होने के बाद डॉक्टर राममूर्ति ने आत्याचार और जुल्म की ऐसी दास्तां बयां की जिसे सुनकर हर कोई एक पल के लिए सहम जाए.
राममूर्ति ने बताया की आईएसआईएस के इस ग्रूप में 10 से 65 साल के उम्र के आतंकी शामिल हैं जिन्हें लीबिया में युद्ध के दौरान लड़ने के लिए ट्रेंनिंग दी गई है. विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज खुद इस मामले को देख रही थी. भारत सरकार के काफी प्रयासों के बाद डॉक्टर राममूर्ति को आईएसआईएस की लीबिया जेल से आजाद करवाया गया है.