नई दिल्ली : रेलवे में स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार नीतियों में बदलाव कर रही है. अब रेलवे में खान-पान को लेकर एक बढ़ा बदलाव होने जा रहा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु खाने को लेकर लोगों की शिकायत के चलते अच्छा और साफ खाना देने के लिए रेलवे की नई केटरिंग पॉलिसी की घोषणा करने वाले हैं.
नई पॉलिसी के अंतर्गत रेलवे फूड-चेन चला रही प्रतिष्ठि कंपनियों को आकर्षित करने की योजना सहित ये पांच बातें हो सकती हैं:
– आईआरसीटीसी को एक बार फिर रेल में खान-पान की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. साल 2010 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आईआरसीटीसी से यह जिम्मेदारी वापस ले ली थी. पहली बार आईआरसीटीसी को रेलवे में खान-पान की जिम्मेदारी नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते हुए मिली थी.
– आईआरसीटीसी ये केटरिंग सेवा चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगी. सबसे पहले वह खाना बनाने और उसे बांटने के कामों को अलग-अलग करेगी. इन दोनों कामों की जिम्मेदारी अलग-अलग ठेकेदारों को सौंपी जा सकती है.
– नई पॉलिसी आईआरसीटीसी को रेलवे बोर्ड की सलाह से मैन्यू और खाने की कीमतें तय करने में ज्यादा मजबूत बनाएगी.
– सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस पॉलिसी में स्टेशन पर स्टॉल आवंटन में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसमें जातिगत आरक्षण भी सम्मिलित होगा.
– इसके अलावा, अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए केटरिंग सेवा में स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा. रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक खुली निविदा के जरिए स्टेशन पर दूध के स्टॉल लगाए जाएंगे.