मुंबई: महाराष्ट्र निकाय चुनाव में मुंबई में बीएमसी के मेयर के लिए शिवसेना और कांग्रेस की नजदीक आने की अटकलें तेज हो गई हैं. शिवसेना को बाहर से समर्थन करने पर कांग्रेस में अशोक चव्हाण, संजय निरूपम और नारायण राणे एक तरफ हैं तो दूसरी तरफ सिर्फ गुरुदास कामत इसका विरोध कर रहे हैं. कामत ने कहा है कि अगर हमने शिवसेना का समर्थन किया तो हमें जनता माफ नहीं करेगी.
क्या कहा कामत ने ?
कामत ने शनिवार को आलाकमान को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि मैं शिवसेना के साथ गठबंधन ही नहीं बाहर से समर्थन दिए जाने पर किसी भी बातचीत का घोर विरोध करता हूं. इतने साल तक हमने दोनों भगवा पार्टियों की बांटने वाली नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया है. हमने शिवसेना का साथ दिया तो लोग हमें माफ नहीं करेंगे.
निकाय चुनाव की हार के लिए मुंबई के अध्यक्ष संजय निरूपम जिम्मेदार हैं. अब समय आ गया है कि हम सुधार लाने वाले कदमों को तुरंत उठाएं. हमें बीजेपी और शिवसेना से दूर रहना चाहिए और उन्हें अपनी मुश्किलें खुद सुलझाने देना चाहिए. दोनों साथ आए तो सत्ता के लिए उनका लालच सबसे सामने आ जाएगा.
शिवसेना के पास 88 का आंकड़ा
बीएमसी के लिए शिवसेना को एमएनएस और एबीएस ने अपना समर्थन दिया है. साथ ही शिवसेना में चार कॉर्पोरेटर का साथ मिल चुका है, जिससे ये आंकड़ा 88 हो गया है. इन चार में से तीन शिवसेना के बागी रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी के 82 कॉर्पोरेटर चुनकर आए हैं.
कांग्रेस ने जीती थीं 31 सीटें
कांग्रेस की मात्र 31 सीटें ही जीत पाई है. राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के खाते में सिर्फ 7 सीटें आई हैं जबकि शरद पवार की पार्टी एनसीपी को 10 ही सीटें आई हैं. मुंबई महानगर पालिका का हर साल का बजट करीब 35,000 करोड़ रुपए है. यह देश की सबसे अमीर महानगर पालिका है.
शिवसेना ने मांगा था समर्थन
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण शुक्रवार को कह चुके हैं कि अगर शिवसेना को बीएमसी में सपॉर्ट चाहिए तो उसे राज्य सरकार में से बीजेपी का साथ छोड़ना होगा. शिवसेना कांग्रेस से हाथ मिलाकर एक ही झटके में बीजेपी को राज्य और बीएमसी की सत्ता से दूर करने का बड़ा दाव खेल सकती है. इसके लिए शिवसेना ने बीएमसी मेयर के लिए कांग्रेस का समर्थन की मांग की थी और उसने पार्टी को डेप्युटी मेयर का पद भी ऑफर किया है. वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि शिवसेना ने गठबंधन के लिए संपर्क किया था लेकिन कांग्रेस ने गठबंधन से इनकार कर दिया है.