BMC के इतिहास में पहली बार वोटिंग से होगा अगले मेयर का फैसला

मुंबई महानगर पालिका का मेयर सर्वसम्मति से चुना जाएगा. किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के चलते अब मेयर चुनने के लिए मतदान होगा. बीएमसी के कमीश्नर ने 9 मार्च को मुंबई महानगर पालिका का विशेष सत्र बुलाया है.

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BMC के इतिहास में पहली बार वोटिंग से होगा अगले मेयर का फैसला

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  • February 24, 2017 2:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: मुंबई महानगर पालिका का मेयर सर्वसम्मति से चुना जाएगा. किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने के चलते अब मेयर चुनने के लिए मतदान होगा. बीएमसी के कमीश्नर ने 9 मार्च को मुंबई महानगर पालिका का विशेष सत्र बुलाया है. इसी दिन बीएमसी के लिए चुने गए 227 सदस्य अपना मेयर चुनेंगे. बीएमसी के इतिहास में ये पहली बार होगा कि मेयर के लिए वोटिंग होगी.
 
 
बता दें कि गुरुवार को ही बीएमसी का रिजल्ट आया था जिसमें शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला. इसलिए बीएमसी के मेयर के चुने जाने का मामला फंस गया है. मेयर के लिए शिवसेना ने जोड़-तोड़ भी शुरू कर दिया है. आज शिवसेना में 2 निर्दलिय नगरसेवक शामिल हो गए हैं. अभी भी शिवसेना के लिए 114 सीटों का जादूई आंकड़ा पार करना बहुत दूर है. 
 
 
शिवसेना के नगरसेवक आज उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे. मुंबई और ठाणे को छोड़कर बाकी प्रदेश के बाकी निकायों में शिवसेना का प्रर्दशन ज्यादा अच्छा नहीं रहा है. मुंबई में भी या तो उसे बीजेपी का साथ लेना होगा या फिर कांग्रेस की शरण में जाना होगा. कांग्रेस इन दोनों पार्टियों के झगड़े के बाद भी कुछ खास नहीं कर पाई है और मात्र 31 सीटें ही जीत पाई है. 
 
 
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के खाते में सिर्फ 7 सीटें आई हैं जबकि शरद पवार की पार्टी एनसीपी को 10 ही सीटें आई हैं. मुंबई महानगर पालिका का हर साल का बजट करीब 35,000 करोड़ रुपए है. यह देश की सबसे अमीर महानगर पालिका में से एक है.
 
 
शिवसेना जाएगी बीजेपी के साथ ?
इस तरह के नतीजे के बाद क्या बीजेपी और शिवसेना मुंबई नगर में कब्जे के लिए गठबंधन करेंगी,  यह सवाल खड़ा हो गया है. 
 
हालांकि दोपहर में जब शिवसेना बहुमत की ओर बढ़ रही थी तो संजय राउत ने कहा था कि भविष्य में अब बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं होगा. 
 
बहुमत के लिए 114 सीटें चाहिए. ऐसे में या तो शिवसेना कांग्रेस से गठबंधन या फिर बीजेपी को समझौता करना पड़ेगा.

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