नई दिल्ली : दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री और मजदूर संगठनों के नेताओं के साथ बैठक में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को जल्दी ही 20 लाख रुपये तक के कर मुक्त ग्रेच्युटी देने का फैसला लिया गया.
बैठक में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ग्रेच्युटी की राशि 20 लाख रुपये किये जाने पर सहमति जतायी.
सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों के तरह ग्रेच्युटी की सीमा दोगुना किए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी पक्षों ने मान लिया है. श्रमिक संगठनों ने इसे एक जनवरी 2016 से लागू करने का प्रस्ताव रखा.
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यूनियनों ने ग्रेच्युटी के भुगतान के लिये प्रतिष्ठान में कम-से-कम 10 कर्मचारियों के होने तथा न्यूनतम पांच साल की सेवा की शर्तों को हटाने की मांग की है. कल यानी गुरुवार की बैठक में लिये गये इस निर्णय को सरकार जल्द ही कैबिनेट में ले जायेगी.
केंद्रीय ट्रेड यूनियन ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा दोगुनी करने पर सहमत हो गये हैं. बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये करने के लिये संशोधन का प्रस्ताव किया गया.