नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच झड़प के मामले में 3 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. दरअसल बुधवार को दो छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा के बाद पुलिस ने यहां डटे कई छात्र-छात्राओं को जबरन हटाया. इस दौरान कई स्टूडेंट्स को चोटें भी आईं.
पिछले दो दिनों में हुई ऐसी हिंसा के मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने अपने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है.
इससे पहले गुरुवार को लेफ्ट छात्र संगठन से जुड़े छात्रा छात्राओं ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. ये छात्र मारपीट के दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
क्यों सस्पेंड हुए पुलिसवाले ?
दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच हुई झड़प से निपटने में पुलिसकर्मियों के रवैये पर सवाल उठ रहे थे. पुलिस वालों पर मीडियाकर्मियों के अलावा फैकल्टी के साथ मारपीट के आरोप लग रहे थे. वीडियो और तस्वीर के आधार पर जिम्मेदारी पुलिस कर्मियों की पहचान की गई.
आज वामपंथी छात्र संगठनों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पुलिस हेडक्वार्टर तक मार्च भी निकाला. छात्रों ने मारपीट की घटना में शामिल आरोपियों और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल ये पूरा मामला रामजस कॉलेज में देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाने से जुड़ा है. रामजस कॉलेज के अंग्रेजी विभाग ने एक सेमिनाम के लिए 21 फरवरी को उमर खालिद और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद को स्पीकर के तौर पर बुलाया था.
उमर को पिछले साल जेएनयू में अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. वहीं, शेहला राशिद इन छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन चलाने में शामिल थीं.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के रामजस कॉलेज में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स हैं, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. डूसू में परंपरागत तौर पर एबीवीपी और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई का दबदबा रहा है, लेकिन पिछले कुछ साल में एनएसयूआई कमजोर नजर आ रही है.
आईसा जैसे वामपंथी छात्र संगठनों को लग रहा है कि जेएनयू की तरह डूसू में दबदबा कायम करने का रास्ता रामजस कॉलेज से ही निकल सकता है. इसलिए उन्होंने जेएनयू कांड में फंसे उमर खालिद को अपने कार्यक्रम में बुलाया. आईसा को मालूम था कि इस पर एबीवीपी बवाल मचाएगी. हुआ भी वही एक बार फिर राजधानी में परीक्षाएं शुरू होने से ठीक पहले कैंपस में कोहराम शुरू हो गया है.