दिल्ली. राजस्थान के किसान रामचंद्र ने संसद भवन के बाहर जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की है. इस खबर के बाद से हंगामा मच गया है.
बताया जा रहा है कि रामचंद्र पिछले तीन सालों से कर्ज के बोझ में दबा हुआ है. लाख कोशिशें करने के बाद भी वह इससे उबर नहीं पा रहा था. समय बीतने के साथ ही धीरे-धीरे उसकी माली हालत खराब होती चली गई.
रामचंद्र दो दिन पहले दिल्ली आया था. उसने यहां पर कई जगह दिखी और फिर उसने संसद भवन के सामने ही जान देने का फैसला कर लिया.
गेट नंबर सात के पास जैसे ही उसने जहर खाया वहां मौजूद सुरक्षाबलों ने उसे देख लिया. उनकी सूचना पर वहां पर एक पीसीआर वैन आ गई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि रामचंद्र को उसी के गांव में रहने वाले किसी शख्स ने सलाह दी थी कि अगर वह संसद भवन के सामने आत्महत्या करेगा तो उसका कर्ज माफ कर दिया जाएगा जिससे उसके परिवार को राहत मिल जाएगी.
फिलहाल अब रामचंद्र की हालत खतरे से बाहर है और दिल्ली पुलिस राजस्थान की पुलिस से संपर्क कर रही है ताकि पूरी जानकारी मिल सके.
लेकिन रामचंद्र ने जो वजह बताई है अगर उसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में किसानों की हालत कितनी खराब है.
इससे पहले भी दौसा जिले के किसान गजेंद्र सिंह ने 22 अप्रैल 2015 को आम आदमी पार्टी की रैली में फांसी लगाकर जान दे देती थी वह भी कर्ज की समस्या से जूझ रही थी.