वाशिंगटन: अंतराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी इंटरनैश्नल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि नोटबंदी की वजह से वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर 6.6 फीसदी आ सकती है. हालांकि आईएमएफ ने ये भी कहा कि ये मंदी कुछ समय के लिए है और आने वाले समय में भारत की विकास दर 8 फीसदी को भी पार कर जाएगी.
दरअसल भारत ने अपनी सालाना रिपोर्ट में आईएमएफ से कहा है कि नोटबंदी के बाद से करेंसी में बदलाव और कैश की किल्लत की वजह से उपभोग में कमी आई जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई.
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कैश की किल्लत, अस्थायी गतिरोध और निजी उपभोग में कमी की वजह से वित्त वर्ष 2016-17 में विकास दर 6.6 फीसदी रहने की संभावना है. 2017-18 में यह बढ़कर 7.2 फीसदी हो सकती है. 2015-16 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.6 पर्सेंट की रफ्तार से बढ़ी थी. अच्छे मानसून, तेल की कीमत, आपूर्ति क्षेत्र में रुकावटें दूर होने के अलावा ग्राहकों में विश्वास बढ़ने से विकास की रफ्तार बनी रहेगी.