नई दिल्ली : देश में हर दो मिनट में दो लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं. मतलब उनकी मौत स्वभाविक नहीं होती वो प्रदूषण की वजह से मारे जाते हैं. हो सकता है अभी तक आपने इसकी भयावहता महसूस न की है लेकिन प्रदूषण की जद से कुछ न हीं बचा है.
मेडिकल साइंस की बड़ी पत्रिकाओं में से एक ‘द लांसेट’ के मुताबिक हर साल सिर्फ वायु प्रदूषण से 10 लाख भारतीय असमय मर रहे हैं. वहीं, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में कई शहर भारत के हैं. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि आप यूपी के किसी शहर में क्यों न हों. हरियाणा या पंजाब में क्यों न हों. प्रदूषण की खतरनाक स्थिति हर जगह है.
रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में ही दो मिनट में दो मौतों का आंकड़ा चार तक हो सकता है. दिल्ली में ही रोजाना 80 लोग वायु प्रदूषण की वजह से असमय मारे जाते हैं. दिल्ली-एनसीआर में रोजाना 85 लाख गाड़ियां सड़कों पर होती हैं. इसमें सिर्फ दिल्ली से ही 35 लाख कारें होती हैं. एक कार अगर एक किलोमीटर चलती है तो उससे 48 ग्राम यानी पीएम -10 और 30 ग्राम सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो जाता है. ये दोनों गैस जानलेवा है.
हर जगह प्रदूषण का कहर
जो हाल दिल्ली का है वही नोएडा का है और गुड़गांव की हवा तो इतनी जहरीली हो चुकी है कि अगर देश के दूसरे हिस्से में सर्दी-खांसी हो तो उसे ठीक हो जाने का औसत समय 48 घंटे माना जाता है जबकि गुड़गांव और नोएडा में ये 72 घंटे का समय लेता है. यानी प्रदूषण हमको-आपको रोजाना कमजोर कर रहा है.
इस प्रदूषण पर अगर समय रहते काबू न पाया गया तो ये हमारी जान का दुश्मन हो जाएगा. हालांकि, सरकारी प्रयासों के बीच आप और क्या कर सकते हैं. देशभर में प्रदूषण की स्थिति और इससे बचने के उपाय जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज का खास शो ‘दिल्ली में हिमालय जैसी शुद्धता!’. वीडियो में देखें पूरा शो.