लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है. 12 जिले की 69 विधानसभा सीटों पर शाम 5 बजे तक 61.13 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया है. तीसरे चरण में कुल 826 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 106 महिलाएं हैं. तीसरे फेज में फर्रखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर, उन्नाव, लखनउ, बाराबंकी और सीतापुर जिले शामिल हैं.
तीसरे दौर का चुनाव खास तौर पर समाजवादी पार्टी (SP) के लिए बेहद अहम है क्योंकि पिछली बार इन सीटों पर उसने जबरदस्त जीत हासिल की थी. शाम 5 बजे तक तीसरे चरण में 61.16 फीसदी वोटिंग हुई है. सीतापुर में 69 फीसदी, मैनपुरी में 58.70 फीसदी, हरदोई में 59.60 फीसदी, औरैया में 61.78 फीसदी, कन्नौज में 64 फीसदी, बाराबंकी में 68 फीसदी, लखनऊ की 9 सीटों पर 58.1 फीसदी, इटावा में 65 फीसदी, उन्नाव में 61 फीसदी, कानपुर देहात में 60.7 फीसदी, कानपुर में 56.4 फीसदी और फर्रूखाबाद में 62.5 फीसदी मतदान हुआ था.
तीसरे चरण में जिन दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है उनमें मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव, मुलायम की बहू अपर्णा यादव, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आईं रीता बहुगुणा जोशी, सीएम अखिलेश यादव के चचेरे भाई अनुराग यादव, राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, बसपा छोड़कर बीजेपी में गए बृजेश पाठक, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अरविन्द सिंह गोप, राज्यमंत्री फरीद महफूज किदवई, राज्यमंत्री राजीव कुमार सिंह और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया शामिल हैं. इन दिग्गजों की राजनीतिक भाग्य का फैसला आज ईवीएम मशीन में बंद हो गया है.
तीसरे चरण के जसवंतनगर, लखनऊ कैंट, सरोजिनीनगर और रामनगर में यादव परिवार के सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. इन सीटों पर यादव परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इस चरण में तकरीबन दो करोड़ 41 लाख मतदाता हैं और इसके लिए लिए कुल 25 हजार 603 मतदान बूथ बनाए गए थे. इटावा सीट पर सबसे ज्यादा 21 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट पर सबसे कम तीन उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी.वेंकटेश ने बताया कि तीसरे चरण में जिन 12 जिलों में मतदान होना है, उनमें 16,671 मतदान केंद्रों के 25,607 पोलिंग बूथों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें से 2566 मतदान केंद्र और 3618 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील श्रेणी के तहत चिह्नित किए गए हैं. साल 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने इन 69 में से 55 सीटें जीती थीं. वहीं बसपा को 6 और बीजेपी को पांच सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी को हासिल हुई थी.