Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • इस जांबाज DIG की वीरगाधा जिसकी बहादुरी के किस्से CRPF ने कॉमिक्स में छपवाए

इस जांबाज DIG की वीरगाधा जिसकी बहादुरी के किस्से CRPF ने कॉमिक्स में छपवाए

हिन्दुस्तान के दुश्मनों के बीच अगर CRPF का ख़ौफ दशकों से कायम है तो उसके पीछे ऐसे परम-वीर जांबाजो की बड़ी भूमिका है. जिन्होंने खुद की जिंदगी देश के नाम कर रखी है, ऐसा जांबाज जो पिछले तीन दशकों से एक भी दिन थका नहीं, जो दो दर्जन से ज्यादा एनकाउंटर के बाद भी डरा नहीं.

Advertisement
  • February 18, 2017 5:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: हिन्दुस्तान के दुश्मनों के बीच अगर CRPF का ख़ौफ दशकों से कायम है तो उसके पीछे ऐसे परम-वीर जांबाजो की बड़ी भूमिका है. जिन्होंने खुद की जिंदगी देश के नाम कर रखी है, ऐसा जांबाज जो पिछले तीन दशकों से एक भी दिन थका नहीं, जो दो दर्जन से ज्यादा एनकाउंटर के बाद भी डरा नहीं.
 
आज भी 25 किलो वजन लेकर 40 किलोमीटर पैदल चलकर नहीं ये वीर नहीं थकता. तामिलनाडु का कोई आदमी दिन-रात एक कर पंजाबी इसलिए सीखता है ताकि वो पंजाब में आतंकवाद का फन कुचल सके. वो छत्तीसगढ़ी सीख लेता है ताकि बीजापुर और बस्तर के जंगलों में रेड कॉडिरोर पर खड़े होकर नक्सलियों को ललकार सके. वो पश्तो सीख लेना चाहता है ताकि जम्मू-कश्मीर में देश के दुश्मनों को चुनौती दे सके.
 
कुल मिलाकर जब आप एक बार इस 5 फीट 4 इंच के रोबोटिक इंसान की कहानियां सुनने लगेंगे तो आपको बचपन में कॉमिक्स के वीर हीरो कैप्टन ध्रुव वीर की कहानियां आंख के सामने सच होती दिखने लगती है और ऐसा कहने की वजह ये भी है कि CRPF ने बजाप्ता अपने इस वीर की कहानी को बताने-समझाने के लिए कॉमिक्स छपवा रखी है. इनका नाम है एस इलंगो.
 
इलंगो को उनकी वीरता के लिए भारत के राष्ट्रपति की तरफ से 4 बार पुलिस मेडल मिल चुका है. ये कोई मामूली बात नहीं. हाल ही में इलंगो के एक ऑपरेशन ने पूरे हिन्दुस्तान में सुर्खियां बटोरी. जब बीजापुर के घने जंगलों में उनकी अगुवाई ने CRPF ने नक्सलियों की पूरी पार्टी को ही खत्म कर दिया. उनके हैंडलर को मार डाला, उनकी सप्लाई तोड़ दी. 
 
ये तारीख थी 23 फरवरी 2013 की जगह- बीजापुर, का घना जंगल, छत्तीसगढ़. DIG इलंगो को ख़बर मिली कि 60 नक्सली जंगल के बीचों-बीच मौजूद गांव कुरछोली और मूंगा में जमा हैं. जहां एक बड़ी मीटिंग होनी है. DIG सीआरपीएफ बीजापुर की हैसियत से इलंगो ने तुरंत नक्सलियों के लिए एक चक्रव्यूह बनाया. जिसमें दो तरफ से सीआरपीएफ का घेरा डाला गया. साथ में बेहतरीन तालमेल से स्थानीय पुलिस को भी इन्वॉल्व किया गया और सबसे बड़ी बात की खुद ऑपरेशन को सामने से लीड किया.
 
खबर के मुताबिक इलंगो पहली पार्टी के साथ खुद पामलवाया से ऑपरेशन के लिए कूच कर गए. दूसरी पार्टी को उन्होंने असिस्टेंट कमांडेट जी मधु के साथ छेरपाल से एक दूसरे रास्ते से मौके के लिए पहले ही रवाना कर दिया. जब इंलगो की पार्टी घने जंगलों, पहाड़ी इलाकों के बीच से चलती हुई. मौके पर पहुंची तो नक्सली इसे भांप गए. अब डर ये था कि पूरा ऑपरेशन चौपट न हो जाए. क्योंकि किसी भी सफल ऑपरेशन में ये सबसे बड़ी चूक होती है कि आपकी भनक दुश्मन को लग जाए लेकिन इलंगो की सूझबूझ ने कैसे उस चूक को मौके में बदल दिया वो सुनिए.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

Tags

Advertisement