चेन्नई : तमिलनाडु के नए सीएम ई. पलानीस्वामी को विधानसभा में बहुमत मिल गया है. पमानीसामी के पक्ष में जहां 122 वोट पड़े हैं वहीं विपक्ष में मात्र 11 वोट पड़े.
इससे पहले बहुमतके दौरान पर विधानसभा में वोटिंग के दौरान भारी हंगामा हुआ. गुप्तमतदान की मांग को लेकर डीएमके विधायक स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गए, कागज फाड़े, कुर्सियां फेंकी और माइक तोड़ दिए. हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 1 बजे तक स्थगित कर दी है.
दोपहर 1 बजे सदन का कार्यवाही शुरु हुई लेकिन भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दोबारा 3 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
1 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई डीएमके विधायकों ने फिर से हंमामा शुरु कर दिया. जिसके कारण स्पीकर ने डीएमके विधायकों को सदन से बाहर निकलवाना शुरु कर दिया. सदन से निकाले जाने से नाराज विधायक सदन परिसर में ही धरने पर बैठ गए. बता दें कि हंगामे को देखते हुए विधानसभा के बाहर 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.
भारी हंगामे के दौरान स्पीकर पी धनपाल ने कहा कि मैं सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए बाध्य हूं. मेरे साथ क्या हुआ, मैं किसी बताने जाऊं. मेरी कमीज फाड़ दी गई और मेरा अपमान किया गया.
पलानीसामी होंगे तमिलनाडु के नए सीएम, 15 दिन में साबित करना होगा बहुमत
वहीं पलामीसामी के विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के में पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. पन्नीरसेल्वम ने एआईएडीएमके विधायकों से पलानीस्वामी के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की अपील की है. उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि विधायकों को परिवार राज का समर्थन नहीं करना चाहिए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि विश्वास प्रस्ताव का समर्थन दिवंगत प्रमुख जे जयललिता और उनको वोट देने वालों को धोखा देने के बराबर ही होगा.
शशिकला ने पलनिसामी को क्यों बनाया अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी?
इसके अलावा शशिकला खेमे को शुक्रवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा है जब पार्टी के विधायक और राज्य के पूर्व डीजीपी, आर नटराज ने सीएम के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की ऐलान किया. हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि अगर आखिरी वक्त पर कोई उलटफेर न हो तो सरकार विश्वास मत हासिल कर लेगी.
बता दें कि वीके शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की सजा हो गई है. जेल जाने से पहले शशिकला ने पलानीसामी को विधायक दल के नेता बनाया गया था. इसके बाद राज्यपाल ने गुरुवार को पलानीसामी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई थी. शपथ दिलाने के 15 दिन के अंदर राज्यपाल ने बहुमत साबित करने का समय दिया था. हालांकि पलानीसामी आज ही विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का फैसला लिया है.