पटना: बिहार के शराबबंदी कानून में नीतीश सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है. अब बिहार सरकार के कर्मचारी और अधिकारी दुनिया में कहीं भी रहें वो शराब नहीं पी सकते. शराबबंदी पर नीतीश कुमार की सख्ती का दायरा राज्य के बाहर ही नहीं दुनिया के कोने-कोने तक फैल गया है. कम से कम बिहार सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों पर तो नई पाबंदी जरूर लागू होने वाली है.
दरअसल नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मचारी के सर्विस रूल में कानूनी बदलाव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब सरकारी कर्मचारी कहीं भी शराब नहीं पी सकते. सरकारी कर्मचारियों पर पहले ये पाबंदी सिर्फ ड्यूटी के दौरान ही थी, यानी अब राज्य या देश से बाहर जाने पर भी बिहार सरकार के कर्मचारी शराब का सेवन नहीं कर सकते.
शराब पीते हुए पाए जाने पर कर्मचारियों के वेतन में कटौती हो सकती है या फिर उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है. यहां तक कि उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का भी प्रावधान किया गया है. नया नियम राज्य से बाहर डेपुटेशन पर तैनात अधिकारियों पर भी लागू होगा. राज्य के नौकरशाहों के अलावा जजों और मजिस्ट्रेट पर भी ये नियम लागू होगा. न्यायिक अधिकारियों के लिए इससे पहले इस तरह का कोई नियम मौजूद नहीं था.
दरअसल कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार से ये सवाल किया गया था कि उन अधिकारियों के खिलाफ कोई शख्स अल्कोहल टेस्ट करा सकता है. जिनपर आरोप है कि उन्होंने शराबबंदी के बावजूद शराब पीना नहीं छोड़ा ? इसके अलावा शराबबंदी के दौरान सरकारी अधिकारियों के शराब पीने की कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं. जिसके बाद सरकार ने कानून में इस बदलाव को मंजूरी दिया. हालांकि ये फिलहाल साफ नहीं है कि राज्य से बाहर तैनात या मौजूद अधिकारियों पर नजर रखने की सरकार की क्या योजना है. वैसे कहा ये जा रहा है कि ऐसे मामले में कार्रवाई शिकायत मिलने के बाद की जाएगी.
अंदर की बात ये है कि नीतीश सरकार ने अफसरों के शराब पीने पर पाबंदी तो लगा दी है, लेकिन कानूनी तौर पर आईएएस और आईपीएस अफसरों पर केंद्र सरकार के नियम-कायदे लागू होते हैं. उनके लिए सर्विस रूल्स और मैनुअल अलग हैं. इसलिए बिहार सरकार के इस फरमान की चर्चा चाहे जितनी हो, इसे लागू करना बहुत मुश्किल है. वैसे भी अगर कोई अफसर बिहार से बाहर किसी राज्य में शराब पी रहा है, इसकी निगरानी के लिए बिहार के बाहर सरकार के पास कोई खुफिया तंत्र नहीं है.