UP में तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार थमा, दाव पर होगी समाजवादी परिवार की साख

यूपी में शुक्रवार को तीसरे दौर के चुनाव के लिए प्रचार आज खत्म हो गया है. तीसरे दौर का चुनाव खास तौर पर समाजवादी पार्टी (SP) के लिए अहम है क्योंकि पिछली बार इन सीटों पर उसने जबरदस्त जीत हासिल की. तीसरे चरण के लिए 19 फरवरी को 12 जिलों की 69 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

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UP में तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार थमा, दाव पर होगी समाजवादी परिवार की साख

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  • February 17, 2017 5:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ: यूपी में शुक्रवार को तीसरे दौर के चुनाव के लिए प्रचार आज खत्म हो गया है. तीसरे दौर का चुनाव खास तौर पर समाजवादी पार्टी (SP) के लिए अहम है क्योंकि पिछली बार इन सीटों पर उसने जबरदस्त जीत हासिल की. तीसरे चरण के लिए 19 फरवरी को 12 जिलों की 69 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें फर्रखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर जिले की सीटें शामिल हैं.
 
 
तीसरे चरण में जिन दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है उनमें मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव, मुलायम की बहू अपर्णा यादव, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आईं रीता बहुगुणा जोशी, सीएम अखिलेश यादव के चचेरे भाई अनुराग आदव, और कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया शामिल हैं.
 
 
तीसरे चरण का चुनाव सभी पार्टियों के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि 2012 विधानसभा चुनाव में इन 69 सीटों में से सबसे ज्यादा 55 सीटें SP ने जीती थी. BSP को 6 और BJP को पांच सीटें मिली थी. जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं थी और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी.
 
 
2012 विधानसभा चुनाव में SP ने यूपी में 224 सीटें जीती थीं, जिनमें से करीब 25 फीसदी सीटें इन्हीं क्षेत्रों में से है. तीसरे चरण के 12 में से 5 जिलों को SP और मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता है. इनमें इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, बाराबंकी और फर्रूखाबाद जिले शामिल हैं.
 
 
इटावा जिले को भी SP का गढ़ माना जाता है. मुलायम का गांव सैफई भी इसी जिले में है. इसके अलावा मैनपुरी से मुलायम परिवार के तेजप्रताप यादव सांसद हैं. कन्नौज को यादव कुनबे का गढ़ माना जाता है. डिंपल यहां से सांसद हैं.
 
 
तीसरे चरण के लिए लखनऊ की 9 सीटों को लेकर BJP की साख दांव पर हैं. क्योंकि लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं. 2012 विधानसभा चुनाव में लखनऊ की 9 सीटों में से SP ने 7 सीटें जीती थी. जबकि BJP और कांग्रेस के खाते में एक-एक सीटें आईं थीं.
 
 
अंदर की बात ये है कि 2012 के चुनाव में इन्हीं 69 सीटों ने SP की सरकार बनने का रास्ता साफ किया था, लेकिन इस बार SP और मुलायम परिवार में घमासान के बाद इन सीटों पर सबकी उम्मीदों के दरवाज़े खुल गए हैं. SP के लिए तीसरे दौर की सीटें साख बचाने का सवाल बनी हुई हैं, तो BJP और BSP को लग रहा है कि उनके लिए मुलायम के किले में सेंध लगाने का ये गोल्डन चांस है.

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