मुंबई. डि़जिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई एमडीआर यानी मैर्चेंट डिस्काउंट रेट में भारी कटौती करने का विचार कर रहा है. माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव 1 अप्रैल से लागू करने का विचार है.
केंद्रीय बैंक ने 20 लाख रुपए सालाना कारोबार करने वाले व्यापारियों, बीमा, म्युचअल फंड, शिक्षा और सरकारी अस्पताल जैसी सुविधाओं के लिए एमडीआर शुल्क लेन-देन का 0.40 फीसद रखने का प्रस्ताव किया है.
इसके बारे में बैंक ने एक मेमोरंडम भी जारी किया है. आपको बता दें कि अभी तक डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान करने पर जो एमडीआर लिया जाता था उसमें 2 हजार के लेनदेन पर अधिकतम 0.75 फीसद शुल्क लगता था जबकि इससे ऊपर यह 1 प्रतिशत के हिसाब से लिया जाता है.
आरबीआई ने इस परिपत्र में क्रेडिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले भुगतान पर कोई एमडीआर तय नहीं किया है. इसके साथ ही आरबीआई ने साफ है कहा है कि दुकानदारों को यह साफ करना होगा कि वह ग्राहकों से कोई सुविधा शुल्क या सेवा शुल्क नहीं ले रहे हैं.
इसके लिए इन दुकानदारों को दुकान के बाहर एक पट्टी लिखकर लगानी होगी. 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे इस नए नियम से ग्राहकों को काफी फायदा होगा. वहीं एमडीआर के लिए आरबीआई कारोबारियों को चार श्रेणियों में बांटने का भी प्रस्ताव किया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस समय देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए लगातार योजनाए ला रही है. नोटबंदी के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य देश में डि़जि़टल लेन-देन को बढ़ावा देना भी था ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके.