नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (SP) से निकाले जा चुके राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने अखिलेश यादव को बड़ी दिलचस्प धमकी दी है. अमर सिंह का कहना है- ‘हे अंकल अखिलेश, मुझे अपने चाचा रामगोपाल की छत्रछाया से मुक्ति दो, नहीं तो मैं भूत बनकर तुम्हारा पीछा करुंगा.’
राज्यसभा सीट नहीं छोड़ेंगे अमर सिंह
इंडिया न्यूज़ के एडिटर इन चीफ दीपक चौरसिया के साथ खास मुलाकात में अमर सिंह ने कहा कि वो राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे. इसीलिए वो चाहते हैं कि खुद पार्टी की ओर से राज्यसभा के सभापति और चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजी जाए कि अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया है. इससे अमर सिंह को राज्यसभा में असंबद्ध सदस्य के रूप में मान्यता मिल जाएगी.
अमर सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि जैसे अखिलेश ने अपने पिता को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया, चाचा शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया, उसी तरह उनको (अमर सिंह को) भी पार्टी से निष्कासित करने की सूचना राज्यसभा के सभापति को भेज दें. बकौल अमर सिंह, ‘ऐसा होने से मुझे रामगोपाल यादव की छत्रछाया से मुक्ति मिल जाएगी, जो राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता हैं.’
अखिलेश को विजयी भव का आशीर्वाद नहीं !
अमर सिंह ने कहा कि वो अखिलेश को विजयी भव का आशीर्वाद नहीं दे सकते, सिर्फ यही आशीर्वाद दे सकते हैं कि यशस्वी भव. अखिलेश उनके लिए अखिलेश थे, अखिलेश हैं और अब अखिलेश ही रहेंगे. उन्होंने कहा- ‘अच्छा हुआ कि अखिलेश ने मुझे पार्टी से निकाल दिया, इसलिए वो मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं, मेरे नेता नहीं हैं. मेरे लिए वो सिर्फ अखिलेश हैं.’
‘साधना-डिंपल के बारे में कुछ नहीं कहूंगा’
अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश के करीबी उदयवीर सिंह हों या कोई भी, किसी को नेताजी या उनकी पत्नी के बारे में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मुलायम परिवार के झगड़े में साधना गुप्ता यानी अखिलेश की सौतेली मां के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि पति-पत्नी के बीच की बातें चैनल पर चर्चा का विषय नहीं हो सकतीं.
अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल की तारीफ करते हुए अमर सिंह ने कहा कि डिंपल उनसे जब भी मिलीं, तब उन्होंने श्रद्धा से पैर छुए. डिंपल के बारे में वो कोई गलत बात नहीं कह सकते और किसी को कहना भी नहीं चाहिए.
नवनीत से दिक्कत नहीं, रमा रमण की जांच हो !
अमर सिंह ने कहा कि मुलायम-अखिलेश के बीच झगड़े की जड़ दो नौकरशाह हैं. इनमें से एक नवनीत सहगल हैं और दूसरे नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रमा रमण. अमर सिंह का कहना है कि ये दोनों अधिकारी मायावती के भी खास थे और इन दोनों को मुलायम सिंह यादव पसंद नहीं करते.
उन्होंने कहा कि ‘नवनीत सहगल के बारे में अखिलेश ने साफ कहा कि इनके बिना मेरा काम नहीं चल सकता. नवनीत सहगल ने मुझसे कहा कि आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा और मुझे नवनीत सहगल से शिकायत भी नहीं हैं, लेकिन इस बात की जांच होनी चाहिए कि रमा रमण ने यादव सिंह को एक साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी का इंजीनियर-इन-चीफ क्यों बनाया?’