नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को अक्टूबर 2005 में दिल्ली की सरोजनी नगर मार्केट में हुए बम धमाके मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तारिक अहमद डार को 10 साल की सजा और मोहम्मद हुसैन फाजिली व मोहम्मद रफीक शाह को बरी कर दिया गया है.
बता दें कि धनतेरस के दिन साल 2005 में दिल्ली के सरोजनी नगर, पहाड़गंज और गोविदंपुरी के सीरियल बम धमाकों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, और 210 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इल मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उक्त अपराध के लिए लश्कर के आतंकी तारीक अहमद, मोहम्मद हुसैन फैजली और मोहम्मद रफीक शाह को गिरफ्तार किया.
दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र में डार के फोन कॉल का ब्योरा दिया गया था और कथित तौर पर साबित किया गया था कि वह लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में था. साल 2008 में अदालत ने तीनों पर भारत के खिलाफ जंग छेड़ना, हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए थे.
इस मामले को 12 साल हो चुके हैं. पहले यह फैसला 13 फरवरी को आना था लेकिन अब इसे आज यानी की 16 फरवरी को सुनाया जाएगा. बता दें कि हाल ही में सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश रितेश सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि 29 अक्टूबर, 2005 को दीपावली से 2 दिन पहले आतंकियों ने 3 बम धमाके किए थे. पहला धमाका पहाड़गंज इलाके में शाम करीब 5:38 बजे हुआ. दूसरा धमाका गोविंदपुरी इलाके में 6 बजे और तीसरा धमाका सरोजनी नगर इलाके में शाम 6:05 बजे हुआ. इसमें 60 से अधिक लोग मारे गए, जबकि 210 लोग घायल हुए थे. भीड़भाड़ वाले सरोजनी नगर में हुए धमाके से सबसे ज्यादा 50 लोगों की मौत हुई थी.