नई दिल्ली: आने वाले समय में अब देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स में अब इलाज कराना महंगा हो सकता है. दरअसल हाल ही में वित्त मंत्रालय ने एम्स की फीस बढ़ाने पर रिव्यू करने के लिए कहा है.
बता दें कि एम्स में 1996 के बाद इलाज और जांच के शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एम्स में फीस बढ़ाने की चर्चा पर एम्स के उपनिदेशक डायरेक्टर वी. श्रीनिवास ने कहा कि संस्थान की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी और शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक सरकार से संस्थान ने आम बजट में 300 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि मांगी थी. उसके बाद सरकार ने संस्थान को यूजर चार्ज बढ़ाने की सलाह दी है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि एम्स पर्चा बनवाने से लेकर सारे जांच और इलाज की फीस बढ़ाने पर विचार करे.
हालांकि इससे पहले 2005 और 2010 में भी एम्स में यूजर चार्ज को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन खुद डॉक्टरों और फैकेल्टी के विरोध के चलते इसे वापस ले लिया गया. उस समय खून की जांच, अल्ट्रासाउंड तथा रेडियोग्राफी की फीस में 20 से 30 फीसदी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा गया था.
लेकिन इस बार खुद वित्त मंत्रालय ने शुल्क बढ़ाने की सलाह दी है, सूत्रों के मुताबिक इस बार फीस में इजाफा होने की संभावनार ज्यादा है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि 20 सालों के दौरान लोगों की आमदनी में काफी इजाफा हुआ है. लिहाजा फीस बढ़ाने से लोगों पर कुछ खास असर नहीं होगा.