कोलकाता. नोटबंदी के समय सरकार ने दावे किए थे कि जो अब 2 हजार का नया नोट आने वाला है उसको जाली बनाना आसान नहीं होगा. लेकिन 8 फरवरी को बांग्लादेश सीमा से पकड़े गए 2-2 हजार के 40 नोटों की जांच की गई तो पाया गया कि जालसाजों ने 17 में से 11 फीचर्स कॉपी की थीं.
यानी असली नोट के 17 में से 11 सिक्योरिटी चिन्हों को फर्जी नोटों को छापने वाले रैकेट ने कॉपी कर ली है. जिस शख्स के पास से यह नोटें बरामद की गई हैं उसका नाम अजीज-उर-रहमान है जो कि पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है. उसने पूछताछ में बताया है कि इन सभी नोटों को पाकिस्तान में छापा गया है.
पाकिस्तान की साजिश का खुलासा करते हुए आरोपी ने बताया कि इस काम में आईएसआई मदद कर रही है इन नोटों को बांग्लादेश के जरिए भारत में भेजा जा रहा है.
उसने बताया कि 2 हजार रुपए के जाली नोट पाने के लिए तस्करों को एक नोट के बदले 400 से 600 रुपए देने होते हैं.
क्या-क्या किया गया है कॉपी
जांच में पता चला है कि जिन 17 में से 11 फीचर्स को कॉपी किया गया है उनमें अशोक स्तंभ, वाटरमार्क, आरबीआई गवर्नर के दस्तखत, देवनागरी में लिखे नंबर, मंगलयान, स्वच्छ भारत अभियान का लोगो तक की हूबहू नकल कर ली गई है. हालांकि पेपर की क्वालिटी काफी खराब थी.
इससे पहले जाली नोटों को दिसंबर के महीने में पकड़ा गया था जब सैंपल के तौर उनको तस्करों को पास भेजा गया था. एनआईए ने उस समय भी तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. अब इस तरह के फर्जी नोटों के पकड़े के जाने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है.
वहीं सिक्योरिटी प्रिटिंग और मिटिंग कॉपरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया है कि नए नोटों में कोई अतिरिक्त फीचर्स नहीं डाले गए हैं. इनमें पुराने नोटों वाले ही सिक्योरिटी का इस्तेमाल किया गया है क्योंकि इस मुद्दे पर चर्चा करने का समय ही नहीं था. इससे पहले 2005 में सिक्योरिटी फीचर्स बढ़ाए गए थे.