नई दिल्ली. मोदी सरकार अगले साल तक गरीबों के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम ( यूबीआई) योजना शुरू कर सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि 2018 में इस योजना को कम से कम अगले साल तक परीक्षण के तौर पर शुरू कर दिया जाएगा.
माना जा रहा है कि यह मोदी सरकार की अब तक सबसे बड़ी योजनाओं में से एक होगी. जो 2019 को लोकसभा चुनाव को देखते हुए लागू कर दी जाएगा. इस योजना को यूपीए के मनरेगा की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने कम से कम 2 से 10 हजार रुपए देने का प्लान है. हालांकि इस बारे में अभी कुछ तय नहीं है कि कितना पैसा हर महीने दिया जाएगा.
इस योजना का मकसद गरीबी झेल रहे परिवारों के जीवन स्तर को सुधारना है ताकि देश के विकास दर को आगे बढ़ाया जा सके. अर्थशास्त्र की नजरों से देखें तो सरकार का मकसद ऐसे लोगों की क्रय शक्ति को भी बढ़ाना भी हो सकता है ताकि बाजार आधारित अर्थव्यवस्था में वह खुद को शामिल कर सके.
कैसे लागू होगी यह योजना
इस योजना का लाभ उठाने वाले लोगों के लिए पहली शर्त यह हो सकती है कि लोगों को सब्सिडी सेवा न दी जाए. ऐसी सलाह मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने आर्थिक सर्वे में दी है. वित्त मंत्री ने जेटली ने कहा है कि अगले साल के आर्थिक सर्वे आने तक हो सकता है यह योजना देश के कई हिस्सों में शुरू कर दी जाए.
बीपीएल परिवारों के लिए और भी कई योजनाएं लागू
गौरतलब है कि मोदी सरकार बीपीएल परिवारों के लिए कई योजना ला चुकी है. सरकार ने गरीबों के लिए नि:शुल्क एलपीजी उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भी शुरू की है. इसके तहत सात माह में 19 लाख 7200 बीपीएल परिवारों के बीच एलपीजी सिलिंडर बांटे गये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 1 मई को इस योजना की शुरुआत की थी.