लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाधीं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का दम कल नहीं दिखेगा. प्रशासन ने दोनों के साझा रोड शो को इजाजत नहीं दी है. मिशन यूपी पर साथ-साथ निकले राहुल और अखिलेश ने लखनऊ, आगरा में साझा रोड शो किया और कानपुर में साझा रैली की.
लेकिन पीएम के गढ़ वाराणसी में होने वाला इनका रोड शो टल गया है. दरअसल, दोनों युवा नेता शनिवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पीएम के गढ़ में रोड शो करने वाले थे. लेकिन रविदास जयंती को लेकर वाराणसी में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. एक लाख से अधिक श्रद्धालु सीर गोवर्धनपुर में जुटे हैं.
शुक्रवार को कई कार्यक्रम होते हैं. इसके बाद, शनिवार को इनके लौटने का सिलसिला शुरु हो जाएगा. अगर इसी दौरान रोड शो होता तो उसमें भी भीड़ उमड़ती. लिहाजा, प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से रोड शो की इजाजत नहीं दी.
हालांकि, इन दोनों ही नेताओं ने अपनी तैयारी पूरी कर ली थी. राहुल की सुरक्षा में लगी SPG ने तीन दिन पहले डेरा डाल दिया था. अखिलेश और राहुल का इरादा वाराणसी के विकास को लेकर पीएम के दावों की पोल खोलना भी था. लेकिन रोड शो को इजाजत न मिलने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है.
वाराणसी में राहुल और अखिलेश के रोड शो को लेकर दिलचस्प जानकारी सामने आ रही है. प्रशासन की ओर से रोड शो का रूट फाइनल किया जा चुका था. लेकिन वाराणसी में बैठे कांग्रेस नेताओं को रोड शो के टलने की जानकारी गुरुवार की रात को दिल्ली से दी गई.
राहुल गांधी के ऑफिस से कांग्रेस नेताओं को फोन पर बताया गया कि वाराणसी का रोड शो टल गया है. दूसरी तरफ, सच्चाई ये भी है कि शनिवार को ही अखिलेश यादव की सात सभाएं होनी हैं जिनका कार्यक्रम पहले से ही तय था. ये सभाएं मुरादाबाद, रामपुर और बरेली में होंगी जहां अगले चरण में मतदान होगा.
माना जा रहा है ये रोड शो अब 17 या 18 फरवरी को होगा. वैसे भी वाराणसी मे आखिरी चरण में 8 मार्च को मतदान है. यहां की कुल 8 विधानसभा सीटों में से 3 पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. 2-2 सीटें बीएसपी और समाजवादी पार्टी के पास हैं. जबकि कांग्रेस 1 सीट पर काबिज है.
अंदर की बात ये है कि पहले दौर की वोटिंग वाले दिन मोदी के चुनाव क्षेत्र में रोड शो कर के राहुल और अखिलेश दिन भर मीडिया में बने रहना चाहते थे. लेकिन रविदास जयंती के दिन ये रोड शो लोगों की परेशानी का सबब बनता और फायदे की बजाए नुकसान ज्यादा होता. इसलिए ऐन मौके पर प्लान रद्द कर दिया गया.