नई दिल्ली. राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस ने आज 4 सबूत पेश किए. उसका दावा है कि राजे ने धौलपुर महल पर अवैध कब्जा कर रखा है. लेकिन बीजेपी ने घंटे भर के भीतर कांग्रेस के एक-एक खुलासे की पोल खोल दी पूरे दिन इस वार-पलटवार से सियासत गरम रही. पहला दस्तावेज 1949 का है. इसके मुताबिक धौलपुर महल सरकारी संपत्ति है. राजा उदय भान सिंह उसमें रह सकते थे लेकिन असली मालिक राजस्थान सरकार थी.
दूसरे दस्तावेज के मुताबिक 2010 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने धौलपुर महल के पास की कुछ जमीन का अधिग्रहण किया जिसकी एवज में दुष्यंत ने 2 करोड़ का मुआवाजा लिया. सरकारी जमीन पर मुआवजा लेने को जयराम ने नंबर वन घोटाला करार दिया. तीसरे दस्तावेज के मुताबिक 10 अप्रैल 2013 में धौलपुर के दो नागरिकों ने मुआवजा लेने के खिलाफ दुष्यंत की शिकायत सीबीआई से की और चौथे दस्तावेज के मुताबिक भरतपुर के सहायक जिला जज ने आदेश दिया था कि धौलपुर महल की केवल चल संपत्ति पर ही दुष्यंत सिंह का अधिकार है.
अंदर की बात ये है कि वसुंधरा राजे के खिलाफ एक से बढ़कर एक खुलासे करने का दबाव कांग्रेस पर भारी पड़ने लगा है. पोल-खोल के इस खेल का बीजेपी पर ज्यादा असर नहीं हो रहा.बीजेपी ने भी मान लिया है कि कांग्रेस के पास दिखाने के लिए पुराने दस्तावेज़ों के अलावा कुछ और नहीं. इसलिए वो पूरी तैयारी करके बैठी है.
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