नई दिल्ली. नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 नोटों को बदलने के लिए डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल करने वालों की अब खैर नहीं है. रिजर्व बैंक अब इस लेन-देन पर भी जांच शुरू कर दी है.
आरबीआई की ओर से भेजे बैंकों को एक नोटिस में कहा ऐसे सभी डिमांड ड्राफ्ट की जांच की जाए और इसके अलाव जिन लोगों ने लोन चुकाने के लिए भी एडवांस में डिमांड ड्राफ्ट बनवा लिए थे उनके बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई की ओर से सभी बैंकों को को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि भारी संख्या में लोगों ने अपने पुराने 500 और 1000 के नोटों को बदलने के लिए डीडी का इस्तेमाल किया है और उसके बाद उनको कैंसिल भी करवाया दिया.
डीडी को तीन महीने के बाद भी बेहद कम चार्ज पर उसको कैंसिल कराया जा सकता. इन सभी का जानकारी दी जाए. बैंक अधिकारियों ने बताया है कि आरबीआई हो सकता है कि इसके बाद ऐसे लोगों की जांच कर सकता है.
आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक की ओर से ऐसा निर्देश ऐसे समय में आया है जब आयकर विभाग की ओर से पहले से ही नोटबंदी के
दौरान किए गए लेन-देन की जांच की जा रही है. 3 फरवरी को संसद में सरकार की ओर से जवाब दिया गया है कि नोटबंदी के दौरान कई बैंक अधिकारियों के फर्जीवाड़े सामने आए हैं.
सरकार की ओर से कहा गया कि सरकारी बैंकों के 156 अधिकारियों को ऐसे मामले में निलंबित किया गया है जिनमें पुलिस और सीबीआई की ओर से 26 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि निजी बैंकों के 11 कर्मचारी संदेह के घेरे में आए हैं.
कुल मिलाकर इतना तो तय है कि केंद्र एजेंसियां जांच पूरी करने के बाद नोटबंदी के दौरान किए गए हेरफेर पर बड़ी कार्रवाई करने के मूड में हैं.