नई दिल्ली: जवाब तो देना होगा में आज सवाल बिहार का जहां का टॉपर घोटाला लोगों के ज़हन से गया नहीं था कि अब नौकरी घोटाला सामने आ गया. बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन की परीक्षा के पेपर न सिर्फ़ लीक हुए बल्कि उनके जवाब सोशल मीडिया पर घूम रहे थे.
पुलिस ने जांच की तो पता चला कि पूरा रैकेट चल रहा है. बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन के सचिव तक गिरफ्तार कर लिए गए हैं. पिछले साल बिहार स्कूल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन की गिरफ्तारी और अब सलेक्शन बोर्ड के सचिव का जेल जाना.
सवाल उठ रहा है कि बिहार में सुशासन बाबू के राज में चल क्या रहा है. शिक्षा से लेकर परीक्षा तंत्र खत्म हो चुका है. क्या बिहार में मेहनत से पढ़ने लिखने वालों की कद्र नहीं और घोटालेबाज़ों की ऐश है. इन सवालों पर जाएं उससे पहले आपको बताते हैं कि बिहार का नौकरी घोटाला है क्या
क्या है बिहार का ‘नौकरी घोटाला’
– तीन साल पहले करीब 18.5 लाख उम्मीदवारों ने बिहार स्टाफ़ सलेक्शन कमिशन का आवेदन भरा
– कलर्क के 13120 पदों को चार फ़ेज़ में होनेवाली परीक्षा के ज़रिए भरा जाना था
– 29 जनवरी और 5 फ़रवरी को करीब आधे उम्मीदवारों ने परीक्षा दी
– बाकी उम्मीदवारों को 12 और 19 फ़रवरी को परीक्षा देनी थी
– 5 फरवरी की परीक्षा से ठीक पहले हाथ से लिखे 135 सवालों के जवाब सोशल मीडिया पर घूमते धरे गए
– जांच में बिहार स्टाफ़ सलेक्शन कमिशन के सचिव परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया गया है
– डाटा ऑपरेटर अविनाश कुमार भी धरा गया
– पुलिस के मुताबिक नौकरी दिलाने का पूरा रैकेट चल रहा था
– अविनाश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है
– मुख्यमंत्री ने पहले दो दौर की हुई परीक्षा रद्द कर दी है
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