नई दिल्ली : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद जुलाई में देश के चौदहवें राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है. बता दें कि इस समय देशभर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं तो साथ ही संसद में नए राष्ट्रपति के चुनाव की कवायद भी तेज हो गई है. इसके लिए में एक प्रेसिडेंट इलेक्शन सेल बनाया गया है.
सबकी नजरें इसपर टिकी हैं कि इस बार देश का राष्ट्रपति कौन होगा. इन राज्यों में जीत का असर होना वाले राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ेगा इसलिए सभी पार्टियां सीटों का गुणा-भाग कर रही हैं. अगर बीजेपी को इन चुनावों में नुकसान हुआ तो उसे अपनी पसंद का राष्ट्रपति नहीं मिल पाएगा.
संसद भवन के कमरा नंबर 108A में संसदीय सचिवालय की एक टीम ने नए राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं. देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 25 जुलाई 2017 तक कर लिया जाना है.
तय परिपाटी के मुताबिक इस बार राष्ट्रपति का संयोजक लोकसभा सचिवालच को बनाया गया है. पिछली बार यह जिम्मेदारी राज्यसभा सचिवालय ने निभाई थी. लोकसभा के महासचिव राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी होंगे. राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में निर्वाचन आयोग की सलाह के बाद राष्ट्रपित चुनाव के लिए प्रकोष्ठ बनाया गया है.
बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्दारा होता है. चुने हुए सांसद, विधायक और विधानपरिषद सदस्यों के आधार पर राज्यों का मतांक तय किया जाता है.