नई दिल्ली: सिर्फ 10 दिन में पाकिस्तान और चीन त्राहिमाम करने लगेंगे.क्योंकि देश के दुश्मनों को घुटनों पर लाने के लिए हिंदुस्तान का बारुदी गोदाम तैयार है.एक ऐसा बारूदी गोदाम जिसमें फाइटर जेट भी होंगे. मिसाइलों का भी जखीरा होगा साथ में टैंकों और तोपों की भी भरमार होगी.
ये हिंदुस्तान की इमरजेंसी तैयारी है.जिससे चीन और पाकिस्तान दोनों दहशत में हैं. मोदी सरकार ने साल 2014 में जब देश की सत्ता संभाली.तभी सेना के लिए 20 हजार करोड़ के सौदे को मंजूरी दे दी थी. सेना की ताकत बढ़ाने के लिए 50 से भी ज्यादा समझौते किए गए.
डिफेंस से जुड़े साजो सामान बनाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया गया. इसका फायदा सिर्फ सेना को ही नहीं देश के खजाने को भी होगा. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में रक्षा क्षेत्र में करीब 4 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हो सकता है. ये तीन तस्वीरें हिंदुस्तान की वायुशक्ति की सबसे बड़ी पहचान हैं.
इनमें सुखोई-30 और मिग 29 रूस से मिले वो लड़ाकू विमान हैं जो जंग के मैदान में जलजला ला सकते हैं जबकि फ्रांस से मिले मिराज-2000 की ताकत और तेजी का लोहा पूरी दुनिया मानती है. अब जंग की सूरत में ये लड़ाकू विमान कम से कम वक्त में दुश्मन के खेमे में खलबली मचा देंगे. क्योंकि इन्हें पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त बनाने और बेहद शॉर्ट नोटिस पर जंगे मैदान में उतारने के लिए ही ये इमरजेंसी डील की गई है.
इसके लिए 9,200 करोड़ रुपए के 43 समझौते किए गए हैं. सिर्फ रूस की कंपनियों से ही 5,800 करोड़ के 10 समझौते किए गए हैं. इनमें टी-90 और टी-72 टैंकों के लिए इंजन खरीदे जाएंगे. इसके अलावा 125 एमएम गन और एंटी टैंक मिसाइलें भी खरीदी जाएंगी. इन लड़ाकू विमानों, टैंकों और मिसाइलों को जंग जैसी इमरजेंसी के लिए हर वक्त मुस्तैद रखा जाएगा. यानी इनका इस्तेमाल वॉर वेस्टेज रिजर्व के तौर पर किया जाएगा.