चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर चल रही अफवाहों पर लगाम लगाते हुए आज अपोलो अस्पताल के डॉक्टर्स ने उनकी मौत का कारण बता दिया. बता दें कि जयललिता को जहर देकर मारने की अफवाहें भी उड़ रही थीं.
जयललिता की मौत से पहले उनका इलाज चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हुआ था. जयललिता की मौत में किसी तरह के रहस्य को खारिज करते हुए उनका इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने सोमवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ब्रिटेन के डॉ. रिचर्ड बेल ने बताया कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की मौत विभिन्न अंगों के काम करना बंद करने के कारण हुई थी.
मौत की जांच को लेकर याचिका
रिचर्ड बेल ने बताया कि जयललिता को बहुत ज्यादा डायबिटीज थी. इसके कारण उनका श्वसन तंत्र फेल हो गया और अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जयललिता की मौत की जांच करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उनकी मौत रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई थी.
आपोलो अस्पताल ने बताया कि शुरुआत में जब वह बीमार थीं तो बात नहीं कर पा रही थीं लेकिन बाद में बोलने लगी थीं. अस्पताल का कहना है कि ये प्रेस कॉन्फ्रेंस अफवाहों पर रोक लगाने के लिए की गई है.
काफी सजग थीं जयललिता
डॉक्टर्स ने यह भी बताया कि 5 दिसंबर को अचानक आए कार्डिएक अरेस्ट से जयललिता की मौत हुई. उनकी अचानक मौत का कोई अंदाजा नहीं था. डॉ. रिचर्ड बेल ने जयललिता के इलाज के अनुभवों को भी साझा किया.
उन्होंने बताया कि जयललिता काफी सजग और बातूनी थीं. एक अन्य डॉक्टर ने पुष्टि की कि जयललिता एक चुनाव कागज पर दस्तखत करते समय होश में थीं. इसी कागज पर जयललिता के अंगूठे के चलते अफवाहें उड़ी थीं कि वह होश में नहीं थीं.