नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सभी मोबाइल नंबरों को आधार नंबर से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया है. इसके लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को 1 साल का समय दिया है. आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक साल के भीतर प्रीपेड मोबाइल ग्राहकों का वेरिफिकेशन को पूरा करने के लिए प्रभावी व्यस्था बनाने को कहा.
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में केंद्र सरकार प्रभावी व्यस्था बना रही है लेकिन उसमें एक साल का समय लग जाएगा क्योंकि देश में 90 फीसदी से ज्यादा मोबाइल उपभोगता प्रीपेड सिम का इस्तेमाल करते है.
केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में ये भी कहा गया कि 110 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है और नए सिम कार्ड लेने पर आधार कार्ड देना होगा जिससे पहचान आसानी से हो जाएगी. हालांकि आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया गया है.
वही कोर्ट ने प्रीपेड के लिए दो सुझाव दिया पहली बार में 3 मौके दीजिये और फिर उनसे कहिये की पहचान पूरी करने के लिए फॉर्म भरे. और दूसरा उपाय ये की सभी प्रीपेड ग्राहकों को एक समय दीजिये की 6 महीने के भीतर दुबारा फार्म भर के अपनी पहचान की पुष्टि करें.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि देश में प्रीपेड मोबाइल ग्राहकों के वेरिफिकेशन के लिए कोई मजबूत व्यस्था नहीं है इस लिए कोई व्यस्था बनाई जाए ताकि इनकी पहचान सुनिश्चित हो सके. कोर्ट के केंद्र सरकार को एक साल का समय देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया.