चुनावी मौसम में फिर से बिगड़ने लगे नेताओं के बोल

जैसे ही चुनाव आने लगते हैं, नेताओं में जोश आ जाता है. जोश आता है, तो बयानबाजियां होने लगती हैं. फिर शुरू होते हैं बिगड़े बोल. लेकिन, इन बयानों का क्या असर पड़ता है, इससे नेताओं को कोई सरोकार नहीं होता.

Advertisement
चुनावी मौसम में फिर से बिगड़ने लगे नेताओं के बोल

Admin

  • February 5, 2017 5:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : जैसे ही चुनाव आने लगते हैं, नेताओं में जोश आ जाता है. जोश आता है, तो बयानबाजियां होने लगती हैं. फिर शुरू होते हैं बिगड़े बोल. लेकिन, इन बयानों का क्या असर पड़ता है, इससे नेताओं को कोई सरोकार नहीं होता. 
 
यूपी में भी चुनाव होने वाले हैं, नेताओं की जुबान फिर से फिसलने लगी है. फिर टपकने लगा है उनकी जुबान से जहर. कभी सांप्रदायिक, तो कभी आपत्तिजनक और अपमानजनक बयान लगातर सामने आ रहे हैं. इस बयानबजी में कोई भी पार्टी पीछे नहीं है.
 
 
विपक्षियों के मरने की बात
जदयू नेता शरद यादव ने बेटियों की इज्जत को वोट की इज्जत से कम बताया था. उसी तरह प्रियंका गांधी पर भी आपत्तिजनक बयान दिया गया था. सत्ता की इस दौड़ में नेता विपक्षियों के मरने तक की बात कहने से नहीं चूक रहे.
 
बीजेपी नेता संजीव बालयान ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव के मरने का समय आ गया, जीने का गया. समाजवादी पार्टी दफन हो गई है. नेताओं पर केस भी दर्ज होता है लेकिन जुबान पर लगाम नहीं लगता. हमारे प्रतिनिधि बनने जा रहे नेताओं ने हाल के दिनों में कौन-से बिगड़े बोल बोले ये जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज का खास शो ‘इस हफ्ते’. वीडियो में देखें पूरा शो. 
 

Tags

Advertisement