नई दिल्ली : ये इलाहाबाद है, आस्था और सियासत की गंगा-जमुनी तहजीब का संगम. बड़ी-बड़ी बातों पर चुप्पी लगा जाने वाला और मामूली बातों पर उबल जाने वाला. कभी हिन्दुस्तान का ऑक्सफोर्ड था ये शहर. नेहरू,शास्त्री और आजाद जैसों की सियासी नर्सरी रहा है ये इलाका.
बच्चन, निराला की लेखनी की प्रयोगशाला रहा है ये इलाका. देश के 5 पूर्व प्रधानमंत्रियों को इलाहाबाद से नाता रहा है. लेकिन, यहां की लेखनी लंबे समय से खामोश है और नेतागीरी अब यहां की बड़ी समस्याओं में शामिल है.
इलाहाबाद में बरोजगारी, विकास, क्राइम, सड़क-पानी और गंदगी जैसे मुद्दे अहम हैं. यूपी का कोर्ट और पूर्वी यूपी की सियासत के अड्डे इलाहाबाद से ‘वोटयात्रा’. इलाहाबाद के मुद्दों की जमीनी हकीकत जानने के लिए वीडियो में देखें पूरा शो.