नई दिल्ली : अगर आपने आयकर रिटर्न तय समय पर दाखिल नहीं किया तो जुर्माना देना पड़ेगा. इनकम टैक्स से जुड़े नियमों को सरकार ने कड़ा कर दिया है. सरकार ने बजट में जहां करदाताओं को सहूलियतें दी हैं वहीं आयकर रिटर्न जमा न करने वालों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं.
नया नियम 1 अप्रैल 2018 से लागू होगा. बता दें कि वेतभोगी लोगों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है. राजस्व विभाग ने कर आकलन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रस्ताव दिया है कि करदाताओं द्वारा आयकर रिटर्न और संसोधित रिटर्न हर आकलन वर्ष में मार्च के अंत तक दाखिल करना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए.
2017 के अपने बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि आयकर देने वाले बहुत कम लोग हैं. इसकी वजह से कुछ लोगों पर बोझ अधिक पड़ता है. उन्होंने कहा था पहली बार आयकर रिटर्न फाइल करेंगे तो उनकी स्क्रूटनी नहीं होगी. जेटली ने कहा था टैक्स की चोरी की जा रही है जिससे ईमानदार करदाताओं पर बोझ बढ़ा है. जेटली ने कहा था भारत में जीडीपी अनुपात की तुलना में बहुत कम कर इकट्ठा होता है.
रिटर्न अगर अंतिम तारीख के बाद भरा जाता है तो 5000 रुपए लेट फीस देना होगा. 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने वालों को 10000 रुपए लेट फीस देना होगा. पांच लाख से कम आय वालों को राहत दी गई है उन्हें लेट फीस अधिकतम 1000 रुपए देने होंगे. 31 मार्च 2019 के बाद 2017-18 और 2018-19 का रिटर्न दाखिल नहीं किया जाएगा.
2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक देश में 3 करोड़ 70 लाख व्यक्तिगत आयकरदाता रिटर्न दाखिल करते हैं. बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा था कि इसमें सिर्फ 99 लाख लोग अपनी आमदनी ढ़ाई लाख रुपए से कम दिखाते हैं. ये आयकर के दायरे से बाहर हैं. डेढ़ करोड़ लोग अपनी आमदनी ढाई लाख रुपए से पांच लाख रुपए के बीच दिखाते हैं. 52 लाख लोग अपनी आमदनी 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच दिखाते हैं. सिर्फ 25 लाख लोग अपनी आमदनी 10 लाख रुपए से अधिक दिखाते हैं.