नई दिल्ली: पंजाब में डेरा सच्चा सौदा के बाबा राम रहीम ने साफ-साफ कहा है कि चुनाव में उन्होंने किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं किया है. हालांकि कहा ये जा रहा था कि बाबा राम रहीम ने अकाली दल और बीजेपी गठबंधन को अपना समर्थन दिया है. लेकिन इंडिया न्यूज़ के खास शो जनता दरबार में बाबा राम रहीम ने साफ कहा कि उन्होने किसी पार्टी को समर्थन देने का कोई औपचारिक या अनौपचारिक ऐलान नहीं किया है.
दरअसल पंजाब और हरियाणा में डेरा के करोड़ों अनुयायी हैं. दोनो राज्यों में ब्लॉक स्तर तक डेरा के कमेटी कार्यकर्ता हैं. इसे देखते हुए डेरा की चुनावी अहमियत बहुत ज्यादा है. हरियाणा के पिछले विधानसभा चुनाव में डेरा ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया था. माना जाता है कि हरियाणा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनने में डेरा समर्थकों ने अहम भूमिका निभाई.
इसी तरह साल 2007 में डेरा ने पंजाब में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था. दरअसल पंजाब के मालवा इलाके में डेरा के अनुयायी बड़ी तादाद में हैं और इस इलाके में विधानसभा की करीब आधी से ज्यादा सीटें हैं. इसलिए पंजाब चुनाव में डेरा के समर्थन की अहमियत बहुत ज्यादा है. पंजाब के मालवा इलाके की करीब 65 विधानसभा सीटों पर डेरा समर्थकों की अहमियत रही है. पंजाब और हरियाणा के चुनाव में उम्मीदवार डेरा से हमेशा समर्थन मांगते हैं.
बता दें कि पंजाब में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है, इसलिए बाबा राम रहीम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते. साथ ही डेरा सच्चा सौदा के समर्थन की खबर तब आई, जब पंजाब में चुनाव प्रचार का वक्त खत्म हो रहा था. ऐसे में आचार संहिता की तलवार भी चल सकती थी.
चूंकि बाबा राम रहीम पहले भी विवादों में रहे हैं, इसलिए वो अंतिम वक्त में किसी पार्टी का समर्थन करके किसी नए विवाद में नहीं फंसना चाहते. यही वजह है कि उन्होंने खबर फैलते ही सफाई दे दी कि उन्होंने किसी खास पार्टी के लिए फरमान जारी नहीं किए हैं.