मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने को कहा कि नोटबंदी के फैसले से केवल आम आदमी की जेब कट गई है, वहीं बड़े डिफॉल्टरओं पर इसका कोई असर नहीं हुआ है. ऐसे में हर साल बजट की क्या जरूरत है जबकि पिछले वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. नोटबंदी के बाद दावा किया गया था कि आतंकवादी हमले कम होंगे, लेकिन अब और बढ़ गए हैं.
उद्धव ने कहा कि नोटबंदी की वजह से जनता को जिस प्रकार की परेशानी हुई है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती. हालांकि सरकार ये तो कह सकती है कि जमा धन कई गुना बढ़ गया है लेकिन सच्चाई इससे परेह है, बड़े डिफॉल्टरओं को अलग रखा गया और इसमें केवल आम आदमी की जेब काटी गई. उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले बजट में इस बात की घोषणा क्यों नही की गई थी कि वे आगे चलकर नोट बंद करने वाले हैं.
उद्धव ने कहा कि जब पिछले साल की ही घोषणाएं अधूरी हैं तो इस बजट का आखिर क्या मतलब निकलता है? जब आप अपने ही किए वादे पूरे नहीं कर सकते हो तो हर साल बजट पेश करने की क्या जरूरत है. जब उनकी सरकार आई तो ‘अच्छे दिन’ का वादा किया. कहां हैं अच्छे दिन? अब हम इस बारे में बात क्यों नहीं करते?
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी बजट पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि बजट में वेतनभोगी वर्ग को राहत दी है लेकिन वह युवाओं, किसानों और वरिष्ठ नागरिकों को पूरी तरह भूल गई है. उन्होंने सस्ते आवासों को बुनियादी संरचना का दर्जा दिए जाने के फैसले पर भी नाखुशी जताई है.