नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल आम बजट में किसानों के लिए सौगात पेश किया है. इसके साथ ही गांवों के विकास पर ज्यादा फोकस किया गया है.
जेटली ने इस बार किसान कर्ज पर ब्याज में कटौती और किसानों को लोन के लिए दस लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है. आइए डालते हैं एक नजर कि किसानों और ग्रामीण इलाकों के लिए इस बजट में क्या है खास..
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों पर ज्यादा फोकस किया गया, सहकारी क्रेडिट सेक्टर के माध्यम से मदद की कोशिश की जाएगी.
इस साल देश की खेती 4.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. माइक्रो सिंचाई फंड के लिए 5000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाएगा.
छोटे एवं सीमांत किसानों की मदद के लिए 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, इसमें राज्यों की भी भागीदारी रहेगी.
पिछले बजट में 5500 करोड़ की तुलना में इस बार 13000 करोड़ रुपये किसान बीमा योजना के लिए दिए गए.
किसानों के हित में मिट्टी के परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब बनाए जाएंगे.
मनरेगा में दस लाख तालाब बनेंगे. इसके लिए अब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.
मनरेगा को भी नए तरीके से किसानों के सामने पेश किया जाएगा ताकि उनको फायदा पहुंचाया जा सके. मनरेगा में अंतरिक्ष विज्ञान की मदद ली जाएगी,
फसलों के बीमा का कवरेज 50 फीसदी तक बढ़ा है.
डेयरी विकास के लिए 8000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है.
राष्ट्रीय पेयजल योजना के तहत आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित इलाकों तक पानी पहुंचानी की कोशिश.
गांवों में 133 किमी सड़क हर रोज बन रही है. पहले 73 किमी सड़क रोज बनती थी.
गामीण इलाकों में अब 60 फीसदी सैनिटेशन प्रबंध होगा. मार्च 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाई जाएगी. इसके साथ ही 150 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचाई जाएगी.
एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाना है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए नया कानून बनाया जाएगा.
इसके साथ ही महिला शक्ति केंद्र स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.