अमृतसर: सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से बॉर्डर पार कर गए सेना के चंदू चौहान ने पाकिस्तान की जेल में उस पर हुए अत्याचारों की कहानी बताई है. उन्हें 21 जनवरी को भारत के हवाले किया गया है.
आर्मी की 37 राष्ट्रीय रायफल्स बटालियन में तैनात जवान चंदू ने आज अमृतसर में अपने परिवार वालों से मुलाकात की. उसने अपने परिवार वालों को बताया कि पाकिस्तान में उन्हें बहुत टॉर्चर किया गया.
उन्हें एक अंधेरे कमरे में बंद रखा जाता है. भ्रम की स्थिति बनाए रखने के लिए उन्हें लगातार ड्रग्स दिए जाते थे. पाकिस्तानी सेना के अधिकारी उससे लगातार पूछताछ करते थे और उसे रोज पीटा भी जाता था.
चंदू की उंगली टूट गई है और उनके पैर में भी चोट है. उन्हें इससे उबरने में अभी कुछ समय जरूर लगेगा. भारत की तरफ से बनाए गए कूटनीतिक दबाव के कारण पाकिस्तान को उन्हें रिहा करना पड़ा.
उन्होंने ये बताया पाकिस्तान की सेना की तरफ से गिरफ्तार किए जाने के बाद पहली बार उन्होंने सूरज की रोशनी वाघा बॉर्डर पर ही देखी थी.