नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद कालेधन पर और शिकंजा कसने के लिए आयकर विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 18 लाख लोगों के कैश डिपॉजिट की जांच करेगा जिन्होंने नोटबंदी के बाद बैंकों में पैसे जमा कराए हैं.
रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया के मुताबिक ऐसे कई लोगों की पहचान की गई है जिन्होंने नोटबंदी के बाद भारी मात्रा में बैंक में कैश जमा कराए हैं लेकिन उनका प्रोफाइल जमा किए गए रकम से मैच नहीं कर रहा है.
उन्हें आयकर विभाग की ओर से ई-मेल और एसएमएस भेजकर पूछताछ की जाएगी. बता दें कि 8 नवंबर नोटबंदी के बाद 18 लाख खाते ऐसे पाए गए हैं, जिनमें जमा की गई रकम खाताधारक के टैक्स प्रोफाइल से मेल नहीं खाती.
यदि ऐसे खाताधारक संतोषजनक जवाब नहीं दे सके तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 8 नवंबर के बाद 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर तक इन नोटों को बैंक में जमा कराने का मौका दिया था.
सरकार को आशंका है कि तमाम लोगों ने अपनी अघोषित आय अपने एंप्लॉयीज या फिर दलालों के माध्यम से जनधन खातों में जमा कराई है. इन अकाउंट्स को केंद्र सरकार की जनधन योजना के तहत जीरो बैलेंस पर खोला गया था.
आयकर विभाग सेविंग अकाउंट में 2.5 लाख और चालू खातों में 10 लाख से अधिक जमा कराने वालों की जांच कर रहा है. इसके अलावा 30 लाख से अधिक की अचल संपत्ति खरीदने वालों पर भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है.